Haridwar : उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के सख्त निर्देश के बाद हरिद्वार जिले में फर्जी दस्तावेजों से बन रहे Permanent Residence Certificate, Caste Certificate और Income Certificate की जांच शुरू हो गई है। जांच के पहले ही दिन ज्वालापुर क्षेत्र के मुस्तफाबाद गांव में चल रहे एक CSC सेंटर संचालक के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया। उसका CSC सेंटर का लाइसेंस भी तुरंत निलंबित कर दिया गया है।
पहला मुकदमा: फर्जी खतौनी से बनवा रहा था Permanent Residence Certificate
हरिद्वार के तहसीलदार सचिन कुमार ने खुद ज्वालापुर कोतवाली में शिकायत दर्ज कराई। जांच में पता चला कि मुस्तफाबाद के ही साजिद नाम के CSC संचालक ने गांव के नवाजिश नाम के व्यक्ति का Permanent Residence Certificate बनवाने के लिए फर्जी तरीके से नकल खतौनी में नाम बदलकर अपलोड कर दिया था। यह गड़बड़ी 9 नवंबर को की गई थी। तहसीलदार ने रैंडम जांच के दौरान यह फर्जीवाड़ा पकड़ा और तुरंत कार्रवाई की।
डीएम ने बनाई स्पेशल टास्क फोर्स, पिछले 5 साल के सारे सर्टिफिकेट खंगाले जाएंगे
हरिद्वार के जिलाधिकारी मयूर दीक्षित ने सभी तहसीलों, नगर निगम और ग्राम पंचायतों को पिछले पांच साल में जारी किए गए हर Permanent Residence Certificate, Caste Certificate और Income Certificate की जांच करने के आदेश दिए हैं।
इसके लिए एक विशेष टास्क फोर्स भी गठित की गई है। डीएम का साफ कहना है कि फर्जी Permanent Residence Certificate की वजह से असली हकदारों को सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिल पाता और राजस्व को भी भारी नुकसान होता है।
आरोपी संगठित गिरोह चला रहा था
शिकायत में बताया गया है कि आरोपी साजिद अकेला नहीं था। वह दूसरे इलाकों के लोगों के साथ मिलकर लगातार फर्जी दस्तावेज बनवाकर Permanent Residence Certificate, Caste Certificate और Income Certificate जारी करवा रहा था। ज्वालापुर कोतवाली प्रभारी कुंदन सिंह राणा ने बताया कि मुकदमा दर्ज कर लिया गया है और जांच तेजी से चल रही है।
तहसीलदार सचिन कुमार ने कहा, “फर्जी सर्टिफिकेट की वजह से गरीब और जरूरतमंद लोगों का हक मारा जा रहा है। सीएम साहब के निर्देश पर अब हर CSC सेंटर की बारीकी से जांच होगी। जो भी दोषी मिलेगा, उसके खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई होगी।”
