ITR 2 : आयकर विभाग ने 18 जुलाई 2025 से ITR-2 फॉर्म की ऑनलाइन फाइलिंग शुरू कर दी है, जिससे नौकरीपेशा और विशेष आय वाले करदाताओं को बड़ी राहत मिली है।
अब अगर आपकी आय में कैपिटल गेन, क्रिप्टो आय, या अन्य स्रोतों से कमाई शामिल है, तो आप आयकर विभाग के ई-फाइलिंग पोर्टल (https://incometax.gov.in/iec/foportal/) के जरिए आसानी से अपना आयकर रिटर्न (Income Tax Return) दाखिल कर सकते हैं। विभाग ने सोशल मीडिया पर जानकारी साझा करते हुए बताया कि ITR-2 फॉर्म अब प्री-फिल्ड डेटा के साथ उपलब्ध है, जिससे फाइलिंग प्रक्रिया और सरल हो गई है। वित्तीय वर्ष 2024-25 और मूल्यांकन वर्ष 2025-26 के लिए रिटर्न दाखिल करने की अंतिम तारीख 15 सितंबर 2025 है।
पहले केवल ITR-1 और ITR-4 फॉर्म ऑनलाइन उपलब्ध थे, जो सीमित आय वर्ग के लिए थे, लेकिन अब ITR-2 की ऑनलाइन सुविधा ने लाखों करदाताओं का काम आसान कर दिया है। हालांकि, ITR-3 के लिए अभी केवल एक्सेल यूटिलिटी उपलब्ध है, और इसकी ऑनलाइन सुविधा जल्द शुरू होने की उम्मीद है।
ITR-2 फॉर्म कौन भर सकता है?
चार्टर्ड अकाउंटेंट अभिषेक सोनी, जो Tax2Win के सह-संस्थापक हैं, बताते हैं कि ITR-2 फॉर्म उन व्यक्तियों या हिंदू अविभाजित परिवार (HUF) के लिए उपयुक्त है, जिनकी आय में निम्नलिखित शामिल हैं। अगर आपकी आय वेतन, पेंशन, या एक से अधिक मकान संपत्तियों से आती है, तो यह फॉर्म आपके लिए है।
इसके अलावा, लॉटरी, घुड़दौड़, या विशेष दरों पर कर योग्य आय, गैर-सूचीबद्ध इक्विटी शेयरों में निवेश, कंपनी में निदेशक की भूमिका, या विदेशी संपत्ति/आय से कमाई वाले लोग भी ITR-2 दाखिल कर सकते हैं। जिनकी कृषि आय 5,000 रुपये से अधिक है, या जो मकान संपत्ति से नुकसान को आगे ले जाना चाहते हैं, उनके लिए भी यह फॉर्म जरूरी है। साथ ही, धारा 194N के तहत कर कटौती या विदेशी खातों में वित्तीय हित रखने वाले करदाता भी इस फॉर्म का उपयोग करेंगे।
इस बार ITR-2 में क्या नया है?
आयकर विभाग ने ITR-2 में कई नए बदलाव किए हैं, जो करदाताओं के लिए महत्वपूर्ण हैं। वित्त अधिनियम 2024 के तहत कैपिटल गेन के लिए अब अलग-अलग शेड्यूल बनाए गए हैं, जो 23 जुलाई 2024 से पहले और बाद के लाभ को अलग-अलग दर्शाते हैं। शेयर बायबैक पर नुकसान को अब डिविडेंड आय को अन्य स्रोतों की आय में दिखाने पर अनुमति दी गई है, जो 1 अक्टूबर 2024 से लागू है।
अगर आपकी कुल आय 1 करोड़ रुपये से अधिक है, तो संपत्ति और देनदारी की अनिवार्य रिपोर्टिंग जरूरी है। इसके अलावा, धारा 80C और 10(13A) जैसी कटौतियों की विस्तृत जानकारी और शेड्यूल-टीडीएस में टीडीएस सेक्शन कोड की रिपोर्टिंग को भी शामिल किया गया है। ये बदलाव आयकर रिटर्न (Income Tax Return) की प्रक्रिया को और पारदर्शी बनाने के लिए किए गए हैं।
ITR-2 फाइल करने के लिए जरूरी दस्तावेज
ITR-2 दाखिल करने के लिए आपको कुछ महत्वपूर्ण दस्तावेज तैयार रखने होंगे। अगर आपकी आय वेतन से है, तो नियोक्ता द्वारा जारी फॉर्म 16 जरूरी है, जिसमें वेतन और टीडीएस की जानकारी हो। ब्याज आय के लिए फॉर्म 16A, जो सावधि जमा (FD) या बचत खाते से ब्याज पर टीडीएस कटौती की जानकारी देता है, और फॉर्म 26AS, जो ई-फाइलिंग पोर्टल से डाउनलोड किया जा सकता है, आवश्यक है।
अगर आप किराए के मकान में रहते हैं और मकान किराया भत्ता (HRA) का दावा करना चाहते हैं, तो किराया रसीदें जरूरी हैं। पूंजीगत लाभ के लिए शेयरों या प्रतिभूतियों के लेनदेन का सारांश, बैंक पासबुक, और सावधि जमा रसीदें भी जमा करनी होंगी। मकान संपत्ति से आय के लिए किरायेदार का विवरण, संपत्ति कर की रसीद, और लोन के ब्याज की जानकारी देनी होगी।
इसके अलावा, धारा 80C, 80D, 80G, और 80GG के तहत कर छूट के लिए बीमा, दान, और ट्यूशन फीस की रसीदें जैसे दस्तावेज भी जरूरी हैं।