5 Jun 2025, Thu

दून पुलिस की तेज़ कार्रवाई! नाबालिगों को बहला-फुसलाकर ले जाने वाला गिरफ्तार

देहरादून : दून पुलिस ने एक बार फिर अपनी संवेदनशीलता और तत्परता का परिचय देते हुए दो नाबालिग लड़कियों को भारत-नेपाल सीमा से सकुशल बरामद किया है। इन लड़कियों को बहला-फुसलाकर ले जाने वाले एक युवक को गिरफ्तार कर लिया गया, जबकि एक नाबालिग आरोपी को संरक्षण में लिया गया।

यह घटना न केवल पुलिस की मुस्तैदी को दर्शाती है, बल्कि समाज में महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा के प्रति जागरूकता बढ़ाने की जरूरत को भी रेखांकित करती है। आइए, इस पूरी कहानी को विस्तार से जानते हैं।

अपहरण की शुरुआत: दो नाबालिग लड़कियों का गायब होना

बीती 22 मार्च 2025 को देहरादून के नेहरू कॉलोनी थाना क्षेत्र में एक भाई ने अपनी 14 साल की बहन के गायब होने की शिकायत दर्ज की। उसने बताया कि उसकी बहन बिना बताए घर से निकली और वापस नहीं लौटी। परिजनों ने हर संभव कोशिश की, लेकिन कोई सुराग नहीं मिला। इसके बाद 23 मार्च को थाने में शिकायत दर्ज की गई, जिसके आधार पर पुलिस ने तुरंत मुकदमा दर्ज किया।

इसी दौरान पता चला कि क्लेमेंटाउन इलाके से भी एक और नाबालिग लड़की लापता हो गई थी। दोनों मामलों की गंभीरता को देखते हुए वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने तुरंत एक विशेष टीम गठित की।

पुलिस की मेहनत और तकनीक का कमाल

पुलिस ने इस मामले को सुलझाने के लिए दिन-रात एक कर दिया। टीम ने लापता लड़कियों के दोस्तों और परिजनों से पूछताछ शुरू की। इसके साथ ही घटनास्थल के आसपास लगे सीसीटीवी फुटेज खंगाले गए और आने-जाने वाले रास्तों पर नजर रखी गई। स्थानीय मुखबिरों को सक्रिय करने के साथ-साथ सर्विलांस की मदद से भी जानकारी जुटाई गई। इन अथक प्रयासों का नतीजा यह निकला कि पुलिस को सूचना मिली कि दोनों नाबालिग लड़कियां दो युवकों के साथ भारत-नेपाल सीमा के पास सनौली कस्बे में हैं।

नेपाल बॉर्डर पर पुलिस का दबाव और सफलता

सूचना मिलते ही दून पुलिस की टीम ने बिना वक्त गंवाए सनौली के लिए रवाना हुई। वहां पहुंचकर मैनुअल पुलिसिंग के जरिए लड़कियों का पता लगाया गया। 28 मार्च 2025 को दोनों नाबालिगों को सकुशल बरामद कर लिया गया। इस दौरान एक 19 साल के युवक गगन थापा को गिरफ्तार किया गया, जो इन लड़कियों को बहला-फुसलाकर ले गया था। साथ ही, एक नाबालिग आरोपी को भी संरक्षण में लिया गया। यह ऑपरेशन दून पुलिस की सजगता और समर्पण का शानदार उदाहरण है।

समाज के लिए सबक और पुलिस की भूमिका

यह घटना हमें सोचने पर मजबूर करती है कि किशोरियों की सुरक्षा के लिए परिवार और समाज को कितना जागरूक होना चाहिए। दून पुलिस ने न सिर्फ इन लड़कियों को सुरक्षित वापस लाया, बल्कि अपराधियों को भी सलाखों के पीछे पहुंचाया। इस सफलता के पीछे थाना नेहरू कॉलोनी के थानाध्यक्ष संजीत कुमार और उनकी टीम का अहम योगदान रहा। यह कार्रवाई न केवल पीड़ित परिवारों के लिए राहत लेकर आई, बल्कि आम लोगों में पुलिस के प्रति भरोसा भी बढ़ाया।

By admin

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