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दून पुलिस की बड़ी कार्रवाई! युवती को भगाने वाला आरोपी नूर मोहम्मद पंजाब से गिरफ्तार

By: Sansar Live Team

On: Sunday, March 30, 2025 9:01 AM

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Dehradun News : देहरादून की शांत वादियों में उस दिन हलचल मच गई, जब एक पिता अपनी बेटी के अचानक गायब होने की खबर लेकर पटेलनगर थाने पहुंचा। यह कहानी न सिर्फ एक परिवार की चिंता को बयां करती है, बल्कि पुलिस की तत्परता और हिम्मत की भी मिसाल पेश करती है। एक युवती को बहला-फुसलाकर भगा ले जाने और उसके साथ दुष्कर्म के आरोपी को दून पुलिस ने पंजाब से गिरफ्तार कर लिया। इस साहसिक ऑपरेशन में न केवल अपराधी को पकड़ा गया, बल्कि युवती को सकुशल उसके परिवार के हवाले भी किया गया। आइए, इस घटना की पूरी कहानी जानते हैं।

घर से गायब हुई बेटी, शुरू हुई तलाश

21 मार्च 2025 को पटेलनगर के एक निवासी ने थाने में शिकायत दर्ज की कि उनकी बेटी बिना बताए कहीं चली गई है। पुलिस ने तुरंत गुमशुदगी का मामला दर्ज किया और जांच शुरू की। अगले ही दिन पिता ने बताया कि नूर मोहम्मद नाम का युवक उनकी बेटी को बहला-फुसलाकर ले गया है। यह खबर सुनते ही पुलिस हरकत में आ गई। गुमशुदगी के मामले को अपहरण और दुष्कर्म की धाराओं में तब्दील कर आरोपी की तलाश तेज कर दी गई। यह घटना न सिर्फ परिवार के लिए दुखद थी, बल्कि समाज में महिलाओं की सुरक्षा को लेकर भी सवाल खड़े करती है।

पुलिस की रणनीति और पंजाब तक का सफर

वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक देहरादून के सख्त निर्देशों के बाद थाना स्तर पर एक विशेष टीम गठित की गई। इस टीम ने दिन-रात मेहनत कर सुराग जुटाए। मुखबिरों को सक्रिय किया गया और तकनीकी जानकारी का सहारा लिया गया। जल्द ही पता चला कि आरोपी नूर मोहम्मद पंजाब में छिपा हुआ है। बिना वक्त गंवाए, पुलिस टीम अमृतसर के लिए रवाना हो गई। वहां गोपनीय तरीके से जानकारी जुटाकर 29 मार्च 2025 को आरोपी को धर दबोचा गया। उसके कब्जे से युवती को सुरक्षित बरामद कर लिया गया और उसे उसके परिजनों के पास लौटा दिया गया। यह ऑपरेशन पुलिस की सजगता और समर्पण का जीता-जागता सबूत है।

कौन है आरोपी?

गिरफ्तार किया गया आरोपी नूर मोहम्मद पुत्र मोहम्मद नसीम उत्तर प्रदेश के सहारनपुर का रहने वाला है। 26 साल का यह युवक रहमत नगर के पास भायला फाटक के इलाके से ताल्लुक रखता है। उसकी गिरफ्तारी से न केवल एक परिवार को राहत मिली, बल्कि अपराधियों के लिए यह साफ संदेश है कि कानून के हाथ लंबे हैं।

पुलिस टीम की मेहनत को सलाम

इस ऑपरेशन में शामिल पुलिस टीम में उपनिरीक्षक मयंक त्यागी, अंशुल उपनिरीक्षक विजय प्रताप सिंह, कांस्टेबल अरुण कुमार, नितिन कुमार, सतीश गोस्वामी, महिला कांस्टेबल सावित्री, हेड कांस्टेबल किरन कुमार और कांस्टेबल आशीष शर्मा जैसे जांबाज शामिल थे। इन सभी ने अपनी जान जोखिम में डालकर एक बेटी को उसके परिवार से मिलवाया। यह कहानी सिर्फ एक घटना नहीं, बल्कि पुलिस और जनता के बीच विश्वास की मजबूत कड़ी है।

समाज के लिए सबक

यह घटना हमें सोचने पर मजबूर करती है कि आखिर कब तक बेटियां ऐसी वारदातों का शिकार बनती रहेंगी? पुलिस ने अपना काम बखूबी किया, लेकिन समाज को भी जागरूक होने की जरूरत है। माता-पिता को अपने बच्चों से खुलकर बात करनी चाहिए, ताकि वे किसी के बहकावे में न आएं। दून पुलिस की इस कार्रवाई से उम्मीद जागती है कि अपराधियों को सजा जरूर मिलेगी।

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