4 Jul 2025, Fri

DM का बड़ा खुलासा! टिहरी पुनर्वास में हुआ करोड़ों की जमीन का घोटाला

Tehri Dam Land Scam : जिलाधिकारी सविन बंसल ने टिहरी बांध पुनर्वास योजना में चल रहे एक बड़े भूमि धोखाधड़ी रैकेट का पर्दाफाश किया है। एक ही व्यक्ति द्वारा टिहरी बांध प्रभावितों को दो बार जमीन बेचने का गंभीर मामला सामने आने के बाद जिलाधिकारी ने पुनर्वास परियोजना के अधिकारियों को कड़ी फटकार लगाई है। उन्होंने विस्थापितों की मजबूरी और पीड़ा का फायदा उठाने वाले अधिकारियों को आड़े हाथों लेते हुए सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।

पुलमा देवी प्रकरण: DM ने खोली परतें, अवस्थापना पुनर्वास खंड ऋषिकेश का ‘कारनामा’

यह मामला शास्त्रीनगर, तपोवन निवासी पुलमा देवी की शिकायत के बाद सामने आया, जो उन्होंने जून माह के दूसरे जनता दर्शन कार्यक्रम में जिलाधिकारी के समक्ष रखी थी। पुलमा देवी ने बताया कि उन्होंने 2007 में फुलसनी में एक आवासीय भूमि खरीदी थी, जिसकी विधिवत रजिस्ट्री भी हुई थी। यह भूमि टिहरी विस्थापितों को आवंटित की गई थी। लेकिन, चौंकाने वाली बात यह है कि 2020 में भूमि स्वामी ने वही जमीन किसी और को बेच दी।

जिलाधिकारी द्वारा कराई गई गहन जांच में पता चला कि यह पूरा फर्जीवाड़ा अवस्थापना पुनर्वास खंड ऋषिकेश की मिलीभगत से हुआ है। जांच में खुलासा हुआ कि एक व्यक्ति, चंदरू पुत्र अमरू, जिसने अपनी जमीन (ग्राम फुलसनी, खसरा नंबर 399 च0मि0 में 200 वर्गमीटर भूखंड, आवासीय भूखंड सं. 44) मार्च 2007 में ही बेच दी थी और अप्रैल 2007 में कब्जा भी दे दिया था, उसी के नाम पर बिना किसी उचित जांच के 2019 में दोबारा भूमिधरी चढ़ा दी गई।

वरिष्ठ प्रबंधक (पुनर्वास), टिहरी बांध परियोजना, केदारपुर, देहरादून ने अपने पत्र में स्वीकार किया कि चंदरू ग्राम बंद्राकोटी ने विभाग को गुमराह करते हुए वास्तविक तथ्यों को छिपाया और उक्त भूखंड पर दोबारा भूमिधरी दिए जाने का प्रत्यावेदन किया था। इसी के फलस्वरूप उप राजस्व अधिकारी, अवस्थापना (पुनर्वास) खंड ऋषिकेश ने 2019 में भूमिधरी प्रकरण तहसील विकासनगर देहरादून को भेजा और भूमिधरी दोबारा अंकित कर दी गई।

DM का सख्त रुख: आपराधिक कार्यवाही और SIT जांच की चेतावनी

इस गंभीर धोखाधड़ी पर जिलाधिकारी सविन बंसल ने कड़ा रुख अपनाया है। उन्होंने तत्काल अधीक्षण अभियंता (टिहरी बांध पुनर्वास) का वाहन जब्त करने का आदेश दिया है और उन्हें विवरण सहित व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होने के निर्देश दिए हैं। जिलाधिकारी ने संबंधित अधिकारियों को एसआईटी जांच में संस्तुति की भी चेतावनी दी है, जो दर्शाता है कि प्रशासन इस मामले में कोई ढिलाई नहीं बरतने वाला।

डीएम ने इस प्रकरण की विस्तृत आपराधिक कार्यवाही (क्रिमिनल प्रोसीडिंग) के लिए जांच उप जिलाधिकारी मुख्यालय अपूर्वा को सौंपी है। जिलाधिकारी ने स्पष्ट संदेश दिया है कि जब तक पुलमा देवी को न्याय नहीं मिल जाता, तब तक प्रशासन इस मामले को छोड़ने वाला नहीं है। जिला प्रशासन ने इस प्रकरण पर सख्त एक्शन का मन बना लिया है और भविष्य में इस तरह की धोखाधड़ी रोकने के लिए भी कमर कस ली है।

इस मामले में अभी भी मा. सिविल जज (जू.डि.) विकासनगर, देहरादून में पुलमा देवी बनाम जतिन गोयल पुत्र राजरानी के बीच भूमि का वाद विचाराधीन है। जिलाधिकारी की इस त्वरित और निर्णायक कार्रवाई से टिहरी बांध पुनर्वास परियोजना में पारदर्शिता लाने और विस्थापितों के अधिकारों की रक्षा करने की उम्मीद जगी है।

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