Dehradun Disaster : देहरादून आपदा में डीएम सविन बंसल मैदान में, 70 लोगों की बचाई जान

Dehradun Disaster : भारी बारिश ने देहरादून में तबाही मचा दी है। प्राकृतिक आपदा ने यहाँ के लोगों का जीवन अस्त-व्यस्त कर दिया। इस संकट की घड़ी में देहरादून के जिलाधिकारी (डीएम) सविन बंसल ने खुद कमान संभाली है।

वो मालदेवता, सहस्रधारा, मजयाडा और कार्लीगाड जैसे प्रभावित इलाकों में पहुंचे और हालात का जायजा लिया। पीड़ितों से मिलकर उन्होंने हर तरह की मदद का भरोसा दिलाया। इस दौरान उनके साथ वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अजय सिंह और मुख्य विकास अधिकारी अभिनव शाह भी मौजूद रहे।

राहत कार्यों में तेजी लाने का आदेश

डीएम सविन बंसल ने अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए कि राहत और बचाव कार्यों में जरा भी ढिलाई न बरती जाए। उन्होंने लोक निर्माण विभाग (लोनिवि) और पीएमजीएसवाई को तुरंत मशीनरी और कर्मचारियों को लगाकर बंद सड़कों को खोलने का आदेश दिया।

साथ ही, प्रभावित लोगों के लिए सूखा राशन और फूड पैकेट्स की व्यवस्था करने को कहा। डीएम ने यह भी सुनिश्चित करने को कहा कि आपदाग्रस्त इलाकों में बिजली, पानी जैसी बुनियादी सुविधाएँ जल्द से जल्द बहाल हों।

70 लोगों की जान बचाई

आपदा में फंसे लोगों को निकालने के लिए प्रशासन, पुलिस, एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें दिन-रात जुटी हुई हैं। कार्लीगाड में फंसे 70 लोगों को रेस्क्यू टीमों ने सुरक्षित निकाला। डीएम बंसल ने खुद पैदल चलकर इन दुर्गम इलाकों का दौरा किया और हालात का जायजा लिया।

पीड़ितों को आर्थिक मदद का वादा

डीएम ने पीड़ित परिवारों को भरोसा दिलाया कि प्रशासन उनके साथ हर कदम पर खड़ा है। उन्होंने ऐलान किया कि जो परिवार सुरक्षित जगहों पर किराए के मकानों में जाना चाहते हैं, उन्हें तीन महीने तक हर महीने 4,000 रुपये की आर्थिक मदद दी जाएगी। यह सहायता तब तक जारी रहेगी, जब तक वे अपने घरों में वापस नहीं लौट पाते।

आपदा ने मचाया भयंकर कोहराम

जिला आपदा परिचालन केंद्र के मुताबिक, इस आपदा ने देहरादून में 13 लोगों की जान ले ली, 3 लोग घायल हुए और 16 लोग अभी भी लापता हैं। सरकारी और निजी संपत्तियों को भी भारी नुकसान हुआ है। भारी बारिश की वजह से 13 पुल, 10 पुलिया, 2 मकान, 31 दीवारें, 12 खेत और 21 सड़कें पूरी तरह बर्बाद हो गईं।

सहस्रधारा-कार्लीगाड मोटर मार्ग भी 9 से ज्यादा जगहों पर टूट चुका है। राहत के लिए रा.पूर्व.मा.वि. चामासारी में एक राहत शिविर भी बनाया गया है, जहाँ कई पीड़ितों को ठहराया गया है। प्रशासन युद्ध स्तर पर काम कर रहा है ताकि हर पीड़ित तक मदद पहुंच सके।

Similar Posts

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *