Dehradun Snatching : महंगे शौक और जल्दी अमीर बनने का लालच इंसान को कहां ले जाता है, इसका ताजा उदाहरण देखने को मिला देहरादून में। दो युवक दोस्तों ने एक महिला से पर्स छीन लिया, लेकिन एसएसपी की सख्ती के आगे ज्यादा दिन नहीं टिक सके। पुलिस ने महज चार दिन में केस सुलझा लिया और दोनों को सलाखों के पीछे पहुंचा दिया। चलिए, बताते हैं पूरी कहानी…
घटना कैसे हुई?
12 नवंबर 2025 की शाम को राधा अग्रवाल ऑफिस से घर लौट रही थीं। गोविंदगढ़ रोड पर पैदल चलते वक्त बाइक सवार दो लड़के आए और झपट्टा मारकर उनका पर्स छीन लिया। पर्स में दो मोबाइल फोन, डायमंड के ईयररिंग्स और कुछ नकदी थी। राधा ने तुरंत बिंदाल चौकी में शिकायत दर्ज कराई। पुलिस ने फौरन कोतवाली कैंट में मुकदमा नंबर 186/2025 दर्ज किया, धारा 304(2) बीएनएस के तहत।
पुलिस का एक्शन, सीसीटीवी से मिला सुराग
एसएसपी देहरादून के सख्त निर्देश पर कोतवाली कैंट की स्पेशल टीम बनी। टीम ने घटनास्थल का मुआयना किया, आसपास के रास्तों के सीसीटीवी फुटेज खंगाले। मुखबिरों को एक्टिव किया और पहले की ऐसी वारदातों में पकड़े गए बदमाशों का सत्यापन किया। मेहनत रंग लाई – 16 नवंबर को यमुना कॉलोनी के पार्क के बाहर से दोनों आरोपी पकड़े गए।
आरोपी कौन हैं, क्या बरामद हुआ?
दोनों दोस्त हैं और 19-19 साल के। एक फेरी लगाता है, दूसरा दूध की डेयरी में काम करता है। नाम हैं – अनंत रावत (पिता राम राज, मूल पता उत्तरकाशी, अभी देहरादून में कबीर डेयरी के पास रहता है) और फैजल (पिता अयूब अली, मूल पता मुरादाबाद, अभी लक्खीबाग में)।
पुलिस ने इनके पास से बरामद किया:
- दो मोबाइल फोन
- दो डायमंड ईयररिंग्स
- 2700 रुपये नकदवारदात वाली बाइक (स्प्लेंडर, नंबर UK07FX 6947, काली)
पूछताछ में दोनों ने कबूला – महंगे शौक पूरे करने और फटाफट पैसा कमाने के चक्कर में स्नैचिंग की।
पुलिस टीम को सलाम
इस कामयाबी के पीछे कोतवाली कैंट की पूरी टीम थी। इंस्पेक्टर कमल कुमार लुंठी (प्रभारी), सब-इंस्पेक्टर विनयता चौहान (बिंदाल चौकी), हेड कांस्टेबल नवीन कुमार, कांस्टेबल सर्वेश, योगेश सैनी, मनोज उप्रेती, नरेंद्र (कोतवाली नगर), शार्दूल (बसंत विहार), रविंद्र टम्टा (डोईवाला)। साथ ही एसओजी टीम – सब-इंस्पेक्टर शैकी कुमार, कांस्टेबल पंकज, ललित, अमित।
