देहरादून लूटकांड: जन सेवा केंद्र में हुई लूट का मास्टरमाइंड दिल्ली से गिरफ्तार


देहरादून : रायपुर क्षेत्र में हुई एक सनसनीखेज लूट की घटना ने लोगों को हैरान कर दिया था। इस मामले में अब एक और बड़ी सफलता हासिल हुई है। दून पुलिस ने कड़ी मेहनत और सूझबूझ से लूट के एक फरार अभियुक्त को दिल्ली के जहांगीरपुरी से धर दबोचा। यह अभियुक्त अपने साथियों के साथ मिलकर जन सेवा केंद्र में लूट की वारदात को अंजाम दे चुका था। पुलिस की इस कार्रवाई से इलाके में सुरक्षा और कानून के प्रति भरोसा बढ़ा है।

घटना का पूरा विवरण और पुलिस की त्वरित कार्रवाई

यह मामला 11 मार्च 2025 का है, जब रायपुर के भगत सिंह कॉलोनी निवासी मंजीत पाल ने थाना रायपुर में शिकायत दर्ज की। उन्होंने बताया कि उनके भाई के जन सेवा केंद्र में कुछ अज्ञात स्कूटी सवार बदमाशों ने दुकान के गल्ले से नकदी लूट ली और फरार हो गए। इस शिकायत के आधार पर पुलिस ने तुरंत लूट की धारा में मुकदमा दर्ज किया।

वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक देहरादून के निर्देश पर अलग-अलग टीमों का गठन किया गया। इन टीमों ने तेजी से कार्रवाई करते हुए पहले तीन अभियुक्तों – मौ. दिलशाद, साहिल और कामिल को देहरादून के कोतवाली और रानीपोखरी क्षेत्र से गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था।

दिल्ली तक पहुंची पुलिस की पैनी नजर

गिरफ्तार अभियुक्तों से पूछताछ में दो अन्य संदिग्धों – राहुल राजपूत और मोहित – के नाम सामने आए, जो दिल्ली के जहांगीरपुरी में छिपे थे। इसके बाद दून पुलिस ने बिना वक्त गंवाए एक विशेष टीम दिल्ली भेजी। मुखबिरों की मदद और सुरागों के आधार पर 17 मार्च 2025 को राहुल राजपूत को जहांगीरपुरी से गिरफ्तार कर लिया गया।

22 वर्षीय राहुल राजपूत, जो आई-1309, जहांगीरपुरी, मॉडल टाउन का रहने वाला है, अब पुलिस हिरासत में है। इस ऑपरेशन में सब-इंस्पेक्टर राजीव धारीवाल, कॉन्स्टेबल मुकेश कण्डारी और प्रेम पंवार की टीम ने अहम भूमिका निभाई।

कानून और सुरक्षा का मजबूत संदेश

इस गिरफ्तारी के साथ ही दून पुलिस ने साफ कर दिया है कि अपराधी कितना भी छिपने की कोशिश करें, कानून का हाथ उन तक जरूर पहुंचेगा। पहले तीन अभियुक्तों को जेल भेजने और अब राहुल राजपूत की गिरफ्तारी से यह साबित होता है कि पुलिस अपनी जिम्मेदारी को लेकर पूरी तरह सजग है।

मोहित नामक एक अन्य अभियुक्त की तलाश अभी जारी है, और पुलिस का कहना है कि जल्द ही उसे भी पकड़ लिया जाएगा। यह घटना न सिर्फ रायपुर बल्कि पूरे देहरादून के लिए एक सबक है कि अपराध के खिलाफ लड़ाई में कोई कसर नहीं छोड़ी जाएगी।

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