14 Jul 2025, Mon

ढोंगी बाबाओं पर देहरादून पुलिस की कड़ी कार्रवाई, ऑपरेशन कालनेमि में 25 गिरफ्तार

उत्तराखंड की पावन धरती पर धर्म और आस्था के नाम पर ठगी करने वालों के खिलाफ दून पुलिस ने कड़ा कदम उठाया है। “ऑपरेशन कालनेमि” के तहत पुलिस ने साधु-संतों के भेष में घूम रहे 25 ढोंगी बाबाओं को गिरफ्तार किया है, जिनमें एक बांग्लादेशी नागरिक भी शामिल है।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देशों पर शुरू हुए इस अभियान का मकसद लोगों की धार्मिक भावनाओं के साथ खिलवाड़ करने वालों को सबक सिखाना है। देहरादून के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) अजय सिंह ने खुद सड़कों पर उतरकर इस कार्रवाई को अंजाम दिया, जिससे जनता में विश्वास और भरोसा बढ़ा है।

सड़कों पर एसएसपी की सक्रियता

देहरादून में साधु-संतों का भेष धारण कर लोगों को ठगने वालों पर नकेल कसने के लिए एसएसपी अजय सिंह ने खुद कमान संभाली। शुक्रवार, 11 जुलाई 2025 को, उन्होंने नेहरू कॉलोनी क्षेत्र में सड़क किनारे बैठे संदिग्ध व्यक्तियों से पूछताछ की। इस दौरान कई लोग न तो ज्योतिष शास्त्र का कोई ज्ञान दिखा पाए और न ही अपने दावों के समर्थन में कोई दस्तावेज पेश कर सके।

एसएसपी ने तुरंत इनके खिलाफ कार्रवाई के निर्देश दिए। पुलिस ने मौके से कई लोगों को हिरासत में लिया और 170 बीएनएसएस के तहत गिरफ्तार किया। इस अभियान में पुलिस ने विभिन्न थाना क्षेत्रों से 25 ढोंगी बाबाओं को पकड़ा, जिनमें से अधिकांश अन्य राज्यों के हैं।

बांग्लादेशी नागरिक की गिरफ्तारी

सहसपुर थाना क्षेत्र में कार्रवाई के दौरान एक चौंकाने वाला मामला सामने आया। पुलिस ने बाबा के भेष में घूम रहे रूकन रकम उर्फ शाह आलम नाम के एक बांग्लादेशी नागरिक को गिरफ्तार किया। उसके खिलाफ विदेशी अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है। स्थानीय खुफिया इकाई (एलआईयू) और इंटेलिजेंस ब्यूरो (आईबी) की टीमें उससे पूछताछ कर रही हैं। यह खुलासा इस अभियान की गंभीरता और व्यापकता को दर्शाता है।

ठगी का जाल तोड़ने की मुहिम

मुख्यमंत्री के निर्देशों के बाद दून पुलिस ने साधु-संतों के भेष में लोगों को भ्रमित करने वालों के खिलाफ सख्त रुख अपनाया है। ऐसे लोग अक्सर महिलाओं और युवाओं को निशाना बनाते हैं, उनकी व्यक्तिगत और पारिवारिक समस्याओं का समाधान करने का झांसा देकर ठगी करते हैं। पुलिस ने सभी थाना प्रभारियों को ऐसे संदिग्ध व्यक्तियों की पहचान कर उनके खिलाफ कठोर कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं। इस अभियान का उद्देश्य न केवल ठगी रोकना है, बल्कि लोगों की धार्मिक आस्थाओं की रक्षा करना भी है।

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