Dehradun News : देहरादून की सड़कों पर कानून का पहरा और सख्त हो गया है। पिछले 11 साल से फरार चल रहे एक अभियुक्त को आखिरकार दून पुलिस ने अपनी गिरफ्त में ले लिया। यह कार्रवाई वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक देहरादून के निर्देश पर चलाए जा रहे विशेष अभियान का हिस्सा है, जिसके तहत फरार और वांछित अपराधियों पर नकेल कसी जा रही है। इस अभियान ने एक बार फिर साबित कर दिया कि कानून के लंबे हाथों से कोई नहीं बच सकता।
बात साल 2014 की है, जब क्लेमेंटटाउन निवासी देशपाल ने थाने में शिकायत दर्ज की थी। उनकी शिकायत के मुताबिक, रोशन नाम का एक व्यक्ति उनके घर में जबरन घुस आया और उनके साथ मारपीट की। इतना ही नहीं, उसने गाली-गलौज और धमकी देकर पूरे परिवार को डर में डाल दिया।
इस घटना के बाद पुलिस ने रोशन के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 452, 323, 504 और 506 के तहत मुकदमा दर्ज किया। लेकिन रोशन चालाकी से फरार हो गया और सालों तक पुलिस की पकड़ से बाहर रहा। कोर्ट ने उसके खिलाफ गैर-जमानती वारंट (NBW) जारी किया, मगर वह लगातार अपनी लोकेशन बदलता रहा।
दून पुलिस ने हार नहीं मानी। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक के नेतृत्व में एक विशेष टीम गठित की गई, जिसमें उप-निरीक्षक गिरीश बडोनी, कॉन्स्टेबल विमल चंद और कृष्ण रतूड़ी शामिल थे। इस टीम ने दिन-रात मेहनत की, मुखबिरों के नेटवर्क को सक्रिय किया और सुरागों की बारीकी से जांच की।
आखिरकार, 10 मई 2025 को पुलिस को बड़ी कामयाबी मिली। मुखबिर से मिली पुख्ता सूचना के आधार पर रोशन को क्लेमेंटटाउन क्षेत्र से धर दबोचा गया। गिरफ्तारी के बाद उसे कोर्ट में पेश किया गया, जहां से आगे की कानूनी कार्रवाई शुरू हो चुकी है।
यह घटना देहरादून पुलिस की मुस्तैदी और अपराधियों के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति को दर्शाती है। स्थानीय लोगों ने भी पुलिस की इस कार्रवाई की सराहना की है। एक स्थानीय निवासी ने कहा, “पुलिस का यह कदम हमें सुरक्षित महसूस कराता है। फरार अपराधियों की गिरफ्तारी से क्षेत्र में कानून का डर बढ़ेगा।” दून पुलिस का यह अभियान आगे भी जारी रहेगा, ताकि शहर को अपराधमुक्त और सुरक्षित बनाया जा सके।