देहरादून : देहरादून के पॉश इलाके पटेलनगर में दो परिवारों के साथ जो हुआ, उसे सुनकर कोई भी हैरान रह जाएगा। दोनों घर एक ही अपार्टमेंट में हैं, दोनों से एक ही तरह की चोरी हुई – ज्वैलरी और नकदी गायब। और सबसे बड़ा झटका यह कि चोरी करने वाली कोई और नहीं, बल्कि दोनों घरों में पिछले काफी समय से काम कर रही नौकरानी ही थी।
दो दिन में दो परिवार बर्बाद होने से बचे
4 दिसंबर 2025 को कैपिटल हाइट्स अपार्टमेंट में रहने वाली पूनम लोना और मनीषा चुंग ने पटेलनगर थाने में शिकायत दर्ज की। दोनों ने बताया कि घर में कोई ताला नहीं टूटा, कोई खिड़की नहीं टूटी, फिर भी अलमारियां खाली थीं। कुल मिलाकर करीब 3 लाख रुपये से ज्यादा की ज्वैलरी और नकदी गायब हो चुकी थी।
पुलिस के लिए यह चुनौती थी क्योंकि कोई बाहरी व्यक्ति का निशान नहीं था। मतलब चोर को घर की पूरी जानकारी थी।
पुलिस ने कैसे पकड़ा खेल?
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक के दबाव में टीम ने तुरंत काम शुरू किया। अपार्टमेंट और आसपास के सारे सीसीटीवी खंगाले गए। आने-जाने वाले हर व्यक्ति पर नजर रखी गई। मुखबिर भी सक्रिय कर दिए गए।
फिर एक मुखबिर की सूचना पर पुलिस को पता चला कि चक्की टोला इलाके में एक महिला अचानक काफी पैसे खर्च कर रही है। जब टीम ने छापा मारा तो सामने आई रिंकू पासवान, उम्र 40 साल, मूल रूप से बिहार के समस्तीपुर की रहने वाली।
रिंकू ने खुद कबूला – “मैंने ही किया, मुझे पता था कहां रखा है”
गिरफ्तारी के बाद रिंकू ने पूरा कबूलनामा दे दिया। उसने बताया कि वह दोनों घरों में कई महीनों से काम कर रही थी। उसे अच्छे से पता था कि ज्वैलरी कहां रखी जाती है, तिजोरी का लॉक कैसे खुलता है, घर कब खाली रहता है।
लालच इतना हुआ कि उसने पहले एक घर से चोरी की, जब बात दब गई तो दूसरे घर में भी हाथ साफ कर लिया।
पुलिस ने उसके पास से सारी चोरी की ज्वैलरी (लगभग 3 लाख रुपये मूल्य की) और 17,500 रुपये नकदी भी बरामद कर ली। दोनों परिवारों को उनका सामान वापस मिल गया।
अब लोग पूछ रहे हैं – घर में काम करने वाले पर भरोसा कैसे करें?
यह मामला एक बार फिर याद दिलाता है कि घरेलू मददगार रखते समय पुलिस वेरिफिकेशन करवाना कितना जरूरी है। आजकल ज्यादातर चोरियां इसी तरह की होती हैं – जहां चोर को घर की पूरी जानकारी होती है।
पुलिस ने भी सलाह दी है कि कीमती सामान हमेशा लॉकर में रखें, सीसीटीवी जरूर लगवाएं और नौकरानी-ड्राइवर की पूरी बैकग्राउंड चेक करवाएं।
