Dehradun : महंगे शौकों ने पहुंचाया जेल, देहरादून में वाहन चोर गिरोह का पर्दाफाश


देहरादून : महंगे शौकों की चाहत ने दो युवाओं को अपराध की राह पर धकेल दिया और आखिरकार उन्हें सलाखों के पीछे पहुंचा दिया। एसएसपी देहरादून की सटीक रणनीति और पुलिस की मुस्तैदी ने पश्चिमी उत्तर प्रदेश के एक शातिर वाहन चोर गिरोह को दून पुलिस की गिरफ्त में ला दिया।

इस गिरोह के दो अभियुक्तों, शोभित राज और गीतम राजपूत, को वाहन चोरी के आरोप में गिरफ्तार किया गया। इनके कब्जे से चोरी के कुल 13 दोपहिया वाहन बरामद हुए, जो देहरादून और हरिद्वार के अलग-अलग इलाकों से चुराए गए थे। इन चोरों की योजना थी कि चुराए गए वाहनों को अन्य राज्यों में ले जाकर बेचा जाए।

17 मार्च 2025 को थाना सेलाकुई में महेंद्र सिंह नाम के एक शख्स ने अपनी मोटरसाइकिल (हीरो स्प्लेंडर, नंबर यूके-16-सी-4538) चोरी होने की शिकायत दर्ज की। इस शिकायत के आधार पर पुलिस ने तुरंत कार्रवाई शुरू की और मुकदमा दर्ज किया। वाहन चोरी की बढ़ती घटनाओं को देखते हुए वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) देहरादून ने इस मामले को गंभीरता से लिया। उन्होंने एक विशेष पुलिस टीम बनाई और अभियुक्तों को पकड़ने के लिए सख्त निर्देश दिए। पुलिस ने घटनास्थल का मुआयना किया, आसपास लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाली और स्थानीय मुखबिरों की मदद ली।

जांच के दौरान पुलिस को पता चला कि इस चोरी में पश्चिमी उत्तर प्रदेश का एक वाहन चोर गिरोह शामिल है। इसके बाद पुलिस ने संदिग्धों की तलाश तेज की और मुखबिर की सूचना के आधार पर सेलाकुई के इंडस्ट्रियल एरिया में चेकिंग के दौरान दोनों अभियुक्तों को चुराई गई मोटरसाइकिल के साथ धर दबोचा।

सख्त पूछताछ में अभियुक्तों ने कबूल किया कि उन्होंने देहरादून और हरिद्वार से कई दोपहिया वाहन चुराए थे। उनकी निशानदेही पर पुलिस ने कैंचीवाला इलाके में झाड़ियों से 12 अन्य चुराए गए वाहन बरामद किए। इनमें से कुछ वाहन सेलाकुई और भगवानपुर (हरिद्वार) में दर्ज चोरी के मामलों से जुड़े थे। बाकी वाहनों की जानकारी जुटाने का काम जारी है।

पूछताछ में अभियुक्तों ने बताया कि वे दोनों एक ही स्कूल में पढ़ते थे और अपने शौक जैसे घूमना-फिरना और महंगी चीजों की चाहत पूरी करने के लिए चोरी की राह पर चल पड़े। चुराए गए वाहनों को शोभित राज के किराए के घर के पास झाड़ियों में छिपाया गया था, ताकि बाद में इन्हें दूसरे राज्यों में बेचा जा सके।

देहरादून पुलिस की इस कार्रवाई से न सिर्फ चोरी की वारदातें सुलझीं, बल्कि आम लोगों में सुरक्षा का भरोसा भी बढ़ा। यह घटना बताती है कि अपराध की राह कितनी खतरनाक हो सकती है और पुलिस की सतर्कता कितनी जरूरी है।

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