30 Jun 2025, Mon

यौन उत्पीड़न की शिकायत अब नहीं रहेगी अनसुनी! देहरादून पुलिस ने उठाया बड़ा कदम

Dehradun News : कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न जैसी गंभीर समस्या से निपटने के लिए शुक्रवार, 27 जून 2025 को पुलिस लाइन देहरादून के सभागार में एक विशेष कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यशाला का उद्देश्य महिला पुलिस अधिकारियों और कर्मचारियों को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक करना और यौन उत्पीड़न से संबंधित शिकायतों की प्रक्रिया को समझाना था।

माननीय सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशों के अनुपालन में गठित “Internal Complaint Committee” (ICC) ने इस आयोजन को मूर्त रूप दिया, जिसमें जनपद के सभी थानों और पुलिस कार्यालयों की महिला कर्मचारियों ने उत्साहपूर्वक हिस्सा लिया।

यौन उत्पीड़न अधिनियम 2013 की जानकारी

कार्यशाला में मौजूद महिला पुलिस अधिकारियों और कर्मचारियों को यौन उत्पीड़न (निवारण, प्रतिषेध और प्रतितोष) अधिनियम 2013 के प्रावधानों की विस्तृत जानकारी दी गई। ICC की अध्यक्ष और पुलिस अधीक्षक (विकासनगर) रेनु लोहानी ने बताया कि कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न से जुड़ी शिकायतों को गंभीरता से लिया जाता है।

समिति द्वारा ऐसी शिकायतों पर विधि-सम्मत कार्रवाई की प्रक्रिया को समझाते हुए, उन्होंने महिलाओं को ऐसी किसी भी घटना को तुरंत समिति के सामने लाने की सलाह दी। इस दौरान यह भी जोर दिया गया कि पीड़ित को डरने या चुप रहने की जरूरत नहीं है, क्योंकि कानून उनके साथ है।

महिलाओं को उनके अधिकारों का बोध

कार्यशाला में विधि सलाहकारों ने अधिनियम के विभिन्न पहलुओं पर प्रकाश डाला। संयुक्त निदेशक (अभियोजन) गिरीश चंद्र पंचोली, अभियोजन अधिकारी ममता मंडोला और विधि परामर्शी अनिता ने महिलाओं को उनके कानूनी अधिकारों के बारे में विस्तार से बताया।

उन्होंने कहा कि कार्यस्थल पर सुरक्षित माहौल सुनिश्चित करना न केवल नियोक्ता की जिम्मेदारी है, बल्कि हर कर्मचारी को भी अपनी आवाज उठाने का हक है। पुलिस अधीक्षक (ऋषिकेश) जया बलूनी और पुलिस उपाधीक्षक रीना राठौर ने भी इस मौके पर महिलाओं को प्रोत्साहित किया कि वे किसी भी तरह के उत्पीड़न के खिलाफ खुलकर बोलें।

सामूहिक भागीदारी और भविष्य की राह

इस कार्यशाला में जनपद की सभी महिला पुलिस अधिकारियों और कर्मचारियों की सक्रिय भागीदारी ने इसे और प्रभावी बनाया। उपस्थित अधिकारियों ने इस आयोजन को एक महत्वपूर्ण कदम बताते हुए कहा कि ऐसी पहल से न केवल जागरूकता बढ़ती है, बल्कि कार्यस्थल पर महिलाओं के लिए सुरक्षित और सम्मानजनक माहौल बनाने में भी मदद मिलती है।

भविष्य में भी इस तरह के आयोजनों को जारी रखने की योजना है ताकि हर महिला कर्मचारी अपने अधिकारों को समझे और आत्मविश्वास के साथ अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन कर सके।

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