CIBIL Score : पहली बार लोन लेने वालों के लिए बड़ी खुशखबरी, बैंक सिर्फ स्कोर पर नहीं लेगी निर्णय
CIBIL Score : CIBIL Score (CIBIL Score) हमेशा से लोन लेने वालों के लिए सबसे बड़ा टेंशन का सबब रहा है। ये स्कोर बताता है कि आपने पुराने लोन या क्रेडिट कार्ड का पेमेंट टाइम पर किया या नहीं। पहले बैंक वाले बस इसी CIBIL Score (CIBIL Score) को देखते थे और फैसला सुना देते थे – लोन मिलेगा या नहीं। अगर CIBIL Score (CIBIL Score) कम था या क्रेडिट हिस्ट्री ही नहीं बनी थी, तो लोन का सपना टूट जाता था। लेकिन अब वित्त मंत्रालय और RBI ने बड़ा बदलाव कर दिया है। उन्होंने साफ कह दिया कि बैंक अब सिर्फ CIBIL Score (CIBIL Score) के नाम पर किसी का लोन एप्लीकेशन रिजेक्ट नहीं कर सकतीं। ये अच्छी खबर खासकर उन लोगों के लिए है जो पहली बार लोन ले रहे हैं या नई नौकरी में हैं।
नया नियम क्या कहता है
नए नियम के मुताबिक, बैंक अब लोन एप्लीकेशन चेक करते वक्त सिर्फ CIBIL Score (CIBIL Score) पर अटके नहीं रहेंगी। वो आपकी पूरी फाइनेंशियल कंडीशन को स्कैन करेंगी। इसमें आपकी मंथली इनकम, जॉब की स्टेबिलिटी, पुराने लोन की डिटेल्स, सेविंग्स और इन्वेस्टमेंट्स का रिकॉर्ड सब शामिल होगा। मतलब साफ है – अगर CIBIL Score (CIBIL Score) थोड़ा कम है लेकिन बाकी चीजें सॉलिड हैं, तो लोन मिलने का चांस बना रहेगा। पहले ये बदलाव उन लोगों को फायदा पहुंचाएगा जिनका क्रेडिट हिस्ट्री कमजोर था या जो पहली बार लोन लेने की सोच रहे थे। अब उन्हें परेशानी कम झेलनी पड़ेगी।
कितना होना चाहिए CIBIL स्कोर
हालांकि नया नियम आ गया है, लेकिन अच्छा CIBIL Score (CIBIL Score) रखना अभी भी स्मार्ट मूव है। ज्यादातर बैंक 700 से 750 या इससे ऊपर के CIBIL Score (CIBIL Score) को ट्रस्टेड मानते हैं। इस रेंज में लोन जल्दी पास हो जाता है और इंटरेस्ट रेट भी कम लगता है। अगर CIBIL Score (CIBIL Score) 650 से नीचे है, तो बैंक एक्स्ट्रा चेकिंग कर सकती हैं और रेट थोड़ा ऊपर रख सकती हैं। इसलिए अपना CIBIL Score (CIBIL Score) रेगुलर चेक करते रहें और EMI टाइम पर भरें। ये छोटी-छोटी आदतें बड़ा फर्क लाती हैं।
बैंक अब कैसे निर्णय लेंगी
नए नियमों से बैंक अब सिर्फ CIBIL Score (CIBIL Score) पर भरोसा नहीं करेंगी। वो आपकी फाइनेंशियल पिक्चर को होलिस्टिक तरीके से देखेंगी। इसमें इनकम, जॉब स्टेबिलिटी, पुराने लोन का ट्रैक रिकॉर्ड और इन्वेस्टमेंट्स सब आएंगे। अगर CIBIL Score (CIBIL Score) कमजोर है लेकिन बाकी स्ट्रॉन्ग है, तो लोन का दरवाजा खुला रहेगा। वहीं अच्छे CIBIL Score (CIBIL Score) वालों को तो लोन आसानी से मिलेगा और इंटरेस्ट रेट भी लो रहेगा। ये अप्रोच ज्यादा फेयर लगती है, क्योंकि हर किसी की स्टोरी अलग होती है।
सुधारने का मौका
नए नियमों में एक और अच्छी बात ये है कि अगर आपकी क्रेडिट रिपोर्ट में कोई गलती है या CIBIL Score (CIBIL Score) गलत शो हो रहा है, तो 30 दिनों का टाइम मिलेगा सुधारने का। ये स्टेप ट्रांसपेरेंसी बढ़ाएगा और कस्टमर्स को रिलीफ देगा। अब कोई भी अपनी रिपोर्ट चेक कर सकता है और गलत डिटेल्स फिक्स कर सकता है, ताकि आगे चलकर CIBIL Score (CIBIL Score) सही दिखे। ये छोटा सा चेंज बड़ी राहत है।
CIBIL स्कोर क्यों जरूरी है
अच्छा CIBIL Score (CIBIL Score) सिर्फ लोन पाने के लिए नहीं, बल्कि कम इंटरेस्ट रेट और बैंक का कॉन्फिडेंस जीतने के लिए भी सुपर इम्पोर्टेंट है। ये प्रूव करता है कि आप फाइनेंशियल रिस्पॉन्सिबिलिटी को हैंडल कर रहे हैं। कम CIBIL Score (CIBIL Score) पर लोन की कंडीशंस टाइट हो सकती हैं और रेट हाई लग सकता है।
इसलिए EMI टाइम पर पे करें, क्रेडिट कार्ड स्मार्टली यूज करें और एक्स्ट्रा लोन से बचें। नए नियम आने के बाद भी अपना फाइनेंशियल रिकॉर्ड क्लीन रखें और CIBIL Score (CIBIL Score) को अपग्रेड करते रहें।
नए नियम लागू होने के बाद बैंक अब सिर्फ CIBIL Score (CIBIL Score) पर स्टक नहीं रहेंगी, बल्कि आपकी ओवरऑल फाइनेंशियल कैपेबिलिटी और पेमेंट पावर को चेक करेंगी। इसका मतलब ये कि अगर आपने पहले लोन टाइम पर चुकाए हैं, जॉब स्टेबल है और इनकम ठीक है, तो लोन पाना आसान हो जाएगा। इससे पहले लोन लेने वालों और नई जॉब वालों को ज्यादा चांस मिलेंगे।