Dehradun News : आज देहरादून के संस्कृति प्रेक्षागृह में संस्कृति, साहित्य एवं कला परिषद की उपाध्यक्ष मधु भट्ट के नेतृत्व में एक अनूठा आयोजन हुआ। डॉ. श्यामाप्रसाद मुखर्जी के 125वें जन्मोत्सव और उत्तराखंड के पारंपरिक हरेला महापर्व के मौके पर एक संगोष्ठी और ‘एक पेड़ माँ के नाम’ वृक्षारोपण कार्यक्रम ने सभी का ध्यान खींचा।
बलराज नेगी और साधना शर्मा ने इस कार्यक्रम को कुशलतापूर्वक संचालित किया, जिसने संस्कृति और पर्यावरण संरक्षण के प्रति लोगों में जोश भरा।
राष्ट्र निर्माण और पर्यावरण संरक्षण का संदेश
मुख्य अतिथि कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल ने अपने संबोधन में डॉ. श्यामाप्रसाद मुखर्जी के राष्ट्र निर्माण में योगदान को याद किया। उन्होंने कहा कि डॉ. मुखर्जी का सपना एक सशक्त और एकजुट भारत का था, जिसे आजादी के बाद उनके बलिदान ने और मजबूती दी। हरेला पर्व के महत्व को रेखांकित करते हुए उन्होंने प्रकृति और पर्यावरण के प्रति जागरूकता फैलाने की अपील की। श्री उनियाल ने उत्तराखंड में डेढ़ करोड़ पेड़ लगाने का महत्वाकांक्षी लक्ष्य रखा, जो राज्य की हरियाली को बढ़ाने की दिशा में एक बड़ा कदम है।
डॉ. मुखर्जी के सपनों को साकार करने की बात
संगठन के महामंत्री अजेय कुमार ने अपने वक्तव्य में जोर देकर कहा कि डॉ. श्यामाप्रसाद मुखर्जी के विचार आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में साकार हो रहे हैं। उन्होंने मुखर्जी के संकल्पों को जीवंत करने के लिए किए जा रहे प्रयासों पर प्रकाश डाला और इसे राष्ट्रहित में एक ऐतिहासिक कदम बताया।
हिमालय और पर्यावरण की रक्षा का आह्वान
प्रसिद्ध पर्यावरणविद् पद्मश्री डॉ. अनिल जोशी ने हिमालय के संरक्षण पर बल देते हुए कहा कि जंगल और जमीन को बचाना हमारी सामूहिक जिम्मेदारी है। उन्होंने पर्यावरण संरक्षण के लिए सामुदायिक सहभागिता को जरूरी बताया और युवाओं से इस दिशा में सक्रिय होने का आग्रह किया।
चिपको आंदोलन और मैती अभियान की प्रेरणा
कार्यक्रम में संघ के वरिष्ठ प्रेम बड़ाकोटि ने डॉ. मुखर्जी के बहुआयामी व्यक्तित्व और उनके राष्ट्रवादी विचारों को विस्तार से बताया। वहीं, पद्मश्री कल्याण सिंह रावत ने अपने ‘मैती अभियान’ के तहत वृक्षारोपण और पर्यावरण संरक्षण के लिए किए जा रहे कार्यों की जानकारी दी। उन्होंने श्रोताओं को प्रकृति के प्रति अपनी जिम्मेदारी निभाने के लिए प्रेरित किया।
गौरा देवी को भावपूर्ण श्रद्धांजलि
कार्यक्रम का सबसे मार्मिक क्षण तब आया जब पद्मश्री बसंती बिष्ट ने गढ़वाली में चिपको आंदोलन की नायिका गौरा देवी को समर्पित एक हृदयस्पर्शी गीत गाया। इस गीत ने उपस्थित सभी लोगों को भावुक कर दिया और पर्यावरण संरक्षण के प्रति उनके संकल्प को और मजबूत किया।
सांस्कृतिक प्रस्तुतियों ने बांधा समां
कार्यक्रम की शुरुआत बच्चों द्वारा प्रस्तुत गणेश वंदना और मांगलिक गीतों से हुई, जिसने माहौल को और भी उत्साहपूर्ण बना दिया। इस समारोह में विधायक रायपुर उमेश शर्मा काउ, राज्यमंत्री प्रताप सिंह पंवार (पादप बोर्ड), राज्यमंत्री वीरेंद्र रोमचाल (हस्तशिल्प), राज्यमंत्री सुभाष बड़तवाल (राज्य आंदोलनकारी परिषद), मधु मारवाह, मंजू श्रीवास्तव, कवि साहित्यकार अनिल जी, डॉ. शैलेंद्र, बृजमोहन सहित कई गणमान्य लोग शामिल हुए।