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श्री केदारनाथ मंदिर की नकल पर बवाल, अखिलेश यादव के मंदिर प्लान से नाराज ब्राह्मण

By: Sansar Live Team

On: Saturday, March 8, 2025 10:55 AM

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देहरादून : देहरादून में आज एक बड़ी खबर सामने आई है। उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव द्वारा अपने गृह जनपद इटावा में श्री केदारनाथ ज्योतिर्लिंग मंदिर की तर्ज पर एक मंदिर बनवाने की योजना का कड़ा विरोध शुरू हो गया है। इस मुद्दे पर “ब्राह्मण समाज महासंघ” नामक संगठन ने नाराजगी जाहिर की है।

इस संगठन ने कई ब्राह्मण समुदायों को एकजुट करते हुए उत्तराखंड के मुख्यमंत्री को संबोधित एक ज्ञापन तैयार किया और इसे देहरादून के सिटी मजिस्ट्रेट को सौंपा। ज्ञापन में साफ तौर पर मांग की गई है कि भगवान शिव के पवित्र द्वादश ज्योतिर्लिंगों में से एक, श्री केदारनाथ मंदिर की नकल करने की कोशिश करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए और इस निर्माण पर तुरंत रोक लगाई जाए। संगठन का कहना है कि ऐसा करना भगवान केदारनाथ का अपमान है और यह धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाला कदम है।

इस ज्ञापन में यह भी बताया गया कि उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने पहले ही इस तरह के मामलों पर सख्त रुख अपनाने का ऐलान किया था। उनकी सरकार ने कैबिनेट में यह फैसला लिया था कि केदारनाथ, बद्रीनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री जैसे चार धामों के नाम पर देश में कहीं भी कोई नया मंदिर या ट्रस्ट नहीं बनाया जा सकेगा।

अगर कोई ऐसा करता पाया गया तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई होगी। इस संदर्भ में दिल्ली के बुराड़ी में भी एक ऐसा ही मामला सामने आया था, जहां “श्री केदारनाथ धाम” नाम से एक मंदिर का शिलान्यास किया गया था। वहां भी ट्रस्ट ने मिलते-जुलते नाम से चंदा इकट्ठा किया था, जिसका तीर्थ पुरोहितों, संतों और स्थानीय लोगों ने जमकर विरोध किया था।

इसके बाद उत्तराखंड सरकार ने यह सख्त नियम लागू किया कि चार धामों के नाम से कोई दूसरा मंदिर या संगठन नहीं बनाया जा सकता और न ही उनके नाम से मिलते-जुलते नाम रखने की इजाजत होगी।

ब्राह्मण समाज महासंघ ने यह भी तय किया है कि वह जल्द ही उत्तराखंड के पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज से मुलाकात कर इस मुद्दे पर उनकी राय जानेंगे और इस दिशा में ठोस कदम उठाने की मांग करेंगे। इस ज्ञापन को सौंपने के दौरान संगठन के कई प्रमुख सदस्य मौजूद थे, जिनमें संरक्षक पंडित लालचंद शर्मा, अध्यक्ष पंडित रामप्रसाद गौतम, महासचिव डॉ. वी.डी. शर्मा और संगठन मंत्री अवनीश कांत शर्मा जैसे अनुभवी और सम्मानित लोग शामिल थे। यह संगठन लंबे समय से ब्राह्मण समुदाय की आवाज उठाता रहा है और इस मामले में भी अपनी बात मजबूती से रख रहा है।

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