---Advertisement---

टॉपर्स की लिस्ट में फिर लड़कियों का दबदबा, अनुष्का ने रचा इतिहास!

By: Sansar Live Team

On: Saturday, April 19, 2025 7:03 AM

Google News
Follow Us

UK Board Result 2025: उत्तराखंड के लाखों छात्र-छात्राओं का इंतजार आखिरकार खत्म हुआ। उत्तराखंड बोर्ड ऑफ स्कूल एजुकेशन (UBSE) ने कक्षा 10वीं और 12वीं के नतीजे घोषित कर दिए हैं। यह पल उन मेहनती छात्रों के लिए उत्साह और गर्व का है, जिन्होंने दिन-रात एक कर अपनी मेहनत को साबित किया।

 रिजल्ट उत्तराखंड बोर्ड की आधिकारिक वेबसाइट ubse.uk.gov.in पर उपलब्ध है, जहां छात्र अपने परिणाम देख और डाउनलोड कर सकते हैं। इस मौके पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सभी सफल छात्रों को बधाई दी और असफल रहे छात्रों को हौसला बढ़ाने वाला संदेश दिया। आइए, इस साल के टॉपर्स, पास प्रतिशत और रिजल्ट से जुड़ी हर जानकारी को विस्तार से जानते हैं। 

रिजल्ट की घोषणा 

उत्तराखंड के शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने रामनगर में आयोजित एक समारोह में 10वीं और 12वीं के परिणामों की घोषणा की। इस साल 10वीं में 90.77% छात्रों ने परीक्षा पास की, जबकि 12वीं में 83.23% छात्र सफल रहे। खास बात यह रही कि दोनों कक्षाओं में छात्राओं ने छात्रों की तुलना में बेहतर प्रदर्शन किया। 10वीं में 93.25% छात्राएं और 88.20% छात्र पास हुए, वहीं 12वीं में 86.20% छात्राएं और 80.43% छात्र उत्तीर्ण हुए। यह आंकड़े न केवल छात्रों की मेहनत को दर्शाते हैं, बल्कि उत्तराखंड की शिक्षा व्यवस्था की मजबूती को भी रेखांकित करते हैं। 

12वीं के टॉपर्स: अनुष्का राणा ने रचा इतिहास

12वीं की परीक्षा में देहरादून के गवर्नमेंट इंटर कॉलेज बडासी की छात्रा अनुष्का राणा ने शानदार प्रदर्शन करते हुए पहला स्थान हासिल किया। अनुष्का ने 500 में से 493 अंक (98.60%) प्राप्त किए। दूसरे स्थान पर संयुक्त रूप से केशव भट्ट (एसपीआईसी कारबारी ग्रांट, देहरादून) और कोमल कुमारी (गोस्वामी गणेश दत्त सरस्वती विद्या मंदिर, उत्तरकाशी) रहे, जिन्होंने 489 अंक (97.80%) हासिल किए। तीसरे स्थान पर आयुष सिंह रावत (सरस्वती विद्या मंदिर इंटर कॉलेज, ऋषिकेश) रहे, जिन्हें 484 अंक (96.80%) मिले। इन टॉपर्स की सफलता न केवल उनके परिवारों के लिए गर्व का विषय है, बल्कि अन्य छात्रों के लिए भी प्रेरणा है। 

10वीं के टॉपर्स: कमल और जतिन ने मारी बाजी

10वीं की परीक्षा में बागेश्वर के कमल सिंह चौहान (विवेकानंद विद्या मंदिर, मंडलसेरा) और हल्द्वानी के जतिन जोशी (हरगोविंद सुयाल सरस्वती विद्या मंदिर, कुसुमखेड़ा) ने संयुक्त रूप से पहला स्थान हासिल किया। दोनों ने 496 अंक (99.20%) प्राप्त किए। दूसरे स्थान पर नई टिहरी की कनकलता (सरस्वती विद्या मंदिर) रहीं, जिन्होंने 495 अंक (99%) हासिल किए।

तीसरे स्थान पर उत्तरकाशी के दिव्यम (गोस्वामी गणेश दत्त सरस्वती इंटर कॉलेज) और यूएस नगर की दीपा जोशी (सीएआईसी, अगस्त्यमुनि) रहे, जिन्होंने 494 अंक (98.80%) प्राप्त किए। इन छात्रों की मेहनत और लगन ने साबित कर दिया कि सही दिशा में किया गया प्रयास कभी विफल नहीं होता। 

सीएम धामी का संदेश 

रिजल्ट घोषित होने के बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सभी सफल छात्रों को हार्दिक बधाई दी। उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा, “आपकी मेहनत और समर्पण ने आपको इस मुकाम तक पहुंचाया है।” साथ ही, उन्होंने उन छात्रों को भी प्रोत्साहित किया जो इस बार सफल नहीं हो सके। सीएम ने कहा, “निराश होने की जरूरत नहीं है। आत्मविश्वास और मेहनत के साथ दोबारा प्रयास करें, सफलता जरूर मिलेगी।” उनका यह संदेश छात्रों के लिए प्रेरणा का काम करेगा। 

परीक्षा का आयोजन: कड़ी निगरानी में हुआ इम्तिहान

इस साल उत्तराखंड बोर्ड की 10वीं और 12वीं की परीक्षाएं 21 फरवरी से 11 मार्च तक आयोजित हुई थीं। प्रदेश भर में 1,245 परीक्षा केंद्र बनाए गए थे, जिनमें 165 केंद्रों को संवेदनशील और 5 को अति संवेदनशील श्रेणी में रखा गया था। कुल 2,23,403 छात्रों ने परीक्षा दी, जिनमें 10वीं के 1,13,690 और 12वीं के 1,09,713 छात्र शामिल थे। कड़ी निगरानी और पारदर्शी प्रक्रिया के कारण परीक्षाएं सुचारू रूप से संपन्न हुईं। 

पिछले साल के टॉपर्स 

पिछले साल (2024) 12वीं में कंचन जोशी और पीयूष खोलिया ने 97.66% अंकों के साथ संयुक्त रूप से पहला स्थान हासिल किया था, जबकि 10वीं में पिथौरागढ़ की प्रियांशी रावत ने 100% अंक हासिल कर इतिहास रचा था। इस साल भी टॉपर्स ने शानदार प्रदर्शन किया, जो उत्तराखंड की शिक्षा की गुणवत्ता को दर्शाता है। 

बोर्ड परीक्षा के नतीजे छात्रों के लिए एक नई शुरुआत हैं। जो छात्र सफल हुए हैं, उनके लिए यह समय है कि वे अपने करियर की दिशा तय करें। वहीं, जो इस बार पीछे रह गए, उनके लिए यह हार नहीं, बल्कि सीखने का मौका है। विशेषज्ञों की सलाह है कि छात्र अपनी रुचि और क्षमता के अनुसार आगे की पढ़ाई या करियर चुनें। साथ ही, माता-पिता और शिक्षकों को बच्चों का मनोबल बढ़ाने में सहयोग करना चाहिए। 

Join WhatsApp

Join Now

Join Telegram

Join Now

Leave a Comment