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केदारनाथ यात्रा से पहले अलर्ट, एक्वाईन इन्फ्लुएंजा वायरस ने बढ़ाई सरकार की टेंशन

By: Sansar Live Team

On: Tuesday, April 1, 2025 5:04 PM

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Chardham Yatra 2025 : उत्तराखंड की पवित्र चारधाम यात्रा शुरू होने में अब कुछ ही दिन बचे हैं, लेकिन इससे पहले एक चिंताजनक खबर ने सभी का ध्यान खींचा है। 30 अप्रैल से शुरू होने वाली इस यात्रा से ठीक पहले घोड़ों और खच्चरों में एक्वाईन इन्फ्लुएंजा वायरस की मौजूदगी ने हड़कंप मचा दिया है।

ये वो जानवर हैं, जो हर साल लाखों श्रद्धालुओं को पहाड़ों की कठिन चढ़ाई पार कराने में मदद करते हैं। अब इस वायरस के चलते उत्तराखंड की पुष्कर सिंह धामी सरकार पूरी तरह अलर्ट मोड में आ गई है। आइए, जानते हैं कि ये स्थिति क्या है और सरकार इससे निपटने के लिए क्या कदम उठा रही है।

वायरस का पता चलते ही सख्त कदम

पशुपालन मंत्री सौरभ बहुगुणा ने मंगलवार को सचिवालय में एक अहम बैठक की, जिसमें अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए गए। बैठक में सामने आया कि 12 घोड़ों और खच्चरों में एक्वाईन इन्फ्लुएंजा वायरस की पुष्टि हुई है। इन सभी जानवरों को तुरंत क्वारंटीन कर दिया गया है। मंत्री ने अधिकारियों से कहा कि घोड़ों और खच्चरों की स्क्रीनिंग में कोई ढिलाई न बरती जाए। साथ ही, लापरवाही बरतने वाले अफसरों पर कड़ी कार्रवाई की चेतावनी भी दी गई। रुद्रप्रयाग जिले में दो क्वारंटीन सेंटर बनाए गए हैं, ताकि इस वायरस को फैलने से रोका जा सके।

चारधाम यात्रा की तैयारी पर असर

हर साल की तरह इस बार भी चारधाम यात्रा का आगाज अक्षय तृतीया के मौके पर 30 अप्रैल से होगा। इस दिन गंगोत्री और यमुनोत्री के कपाट खुलेंगे। इसके बाद 2 मई को केदारनाथ और 4 मई को बद्रीनाथ धाम के दर्शन शुरू होंगे। लेकिन वायरस की खबर ने तैयारियों पर सवाल खड़े कर दिए हैं। सरकार ने साफ कर दिया है कि किसी भी बीमार घोड़े या खच्चर को यात्रा में शामिल नहीं होने दिया जाएगा। इसके लिए पांच जिलों में जानवरों के सैंपल लिए जा रहे हैं, जिनकी जांच इंडियन वेटरीनरी रिसर्च इंस्टीट्यूट, मुक्तेश्वर में होगी। अगर रिपोर्ट निगेटिव आई, तभी इन्हें यात्रा में जाने की इजाजत मिलेगी, लेकिन रिपोर्ट दिखाना जरूरी होगा।

क्वारंटीन सेंटर और सख्त निगरानी

मंत्री सौरभ बहुगुणा ने फाटा और कोटमा में दो क्वारंटीन सेंटर बनाने के निर्देश दिए हैं। साथ ही, सभी पशु रोग नियंत्रण चौकियों पर स्क्रीनिंग को अनिवार्य कर दिया गया है। रुद्रप्रयाग के जिलाधिकारी को भी हिदायत दी गई है कि वायरस को फैलने से रोकने के लिए हर संभव कदम उठाया जाए। सरकार का मकसद है कि यात्रा के दौरान श्रद्धालुओं और जानवरों दोनों की सुरक्षा सुनिश्चित हो। इस बार चारधाम यात्रा के लिए ऑनलाइन पंजीकरण में भी जबरदस्त उत्साह देखने को मिल रहा है। लोग रिकॉर्ड संख्या में रजिस्ट्रेशन करा रहे हैं, और उम्मीद है कि इस बार पिछले सारे रिकॉर्ड टूट जाएंगे।

श्रद्धालुओं के लिए राहत की बात

हालांकि वायरस की खबर ने थोड़ी टेंशन बढ़ाई है, लेकिन सरकार के सख्त कदमों से श्रद्धालुओं को भरोसा मिल रहा है। ये सुनिश्चित किया जा रहा है कि यात्रा सुरक्षित और सुगम हो। अगर आप भी इस बार चारधाम जाने की तैयारी कर रहे हैं, तो पंजीकरण करवाएं और सरकार के दिशा-निर्देशों का पालन करें। इस बार का अनुभव पिछले सालों से भी बेहतर होने की उम्मीद है, बशर्ते सभी नियमों का ध्यान रखा जाए।

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