1 Jun 2025, Sun

शिक्षा माफियाओं की शामत, प्रशासन ने जब्त की करोड़ों की किताबें और सील की दुकानें

Dehradun News : देहरादून में निजी स्कूलों की मनमानी अब और नहीं चलेगी! शिक्षा को व्यापार का जरिया बनाने वाले स्कूलों पर जिला प्रशासन ने शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। 1 अप्रैल, 2025 को जिलाधिकारी सविन बंसल के सख्त निर्देशों के बाद मुख्य विकास अधिकारी अभिनव शाह ने निजी स्कूल संचालकों के साथ बैठक की और उनकी फीस संरचना की गहन जांच की।

इस दौरान कई बड़े स्कूलों के फीस ढांचे में अनियमितताएं पाई गईं, जिसके बाद प्रशासन ने साफ चेतावनी दी—नियम तोड़े तो लाइसेंस रद्द कर दिया जाएगा।

फीस बढ़ोतरी पर सख्त नजर, अभिभावकों का शोषण बर्दाश्त नहीं

प्रशासन का कहना है कि शिक्षा के मंदिर को वाणिज्य का केंद्र नहीं बनने दिया जाएगा। मुख्यमंत्री के स्पष्ट निर्देश हैं कि बच्चों और अभिभावकों का शोषण किसी भी कीमत पर माफ नहीं किया जाएगा। बैठक में यह सामने आया कि कई स्कूल पिछले पांच सालों में नियमों को ताक पर रखकर फीस में मनमानी बढ़ोतरी करते रहे।

मुख्य विकास अधिकारी ने साफ कहा कि आरटीई एक्ट के तहत स्कूल तीन साल में 10% से ज्यादा फीस नहीं बढ़ा सकते। इसके अलावा, अगर बढ़ोतरी जरूरी भी हो, तो शिक्षा विभाग को ठोस कारण बताने होंगे। 

कई नामी स्कूलों जैसे एनएन मैरी में फीस संरचना में खामियां मिलीं, जिन्हें तुरंत ठीक करने के आदेश दिए गए। वहीं, ज्ञानंदा और सेंट जोसेफ स्कूल की फीस संरचना सही पाई गई। समरवैली जैसे अन्य स्कूलों की जांच अगले दिन यानी बुधवार को होगी। प्रशासन ने यह भी हिदायत दी कि अभिभावकों को किसी खास दुकान से किताबें या ड्रेस खरीदने के लिए मजबूर करना गैरकानूनी है। 

किताबों की दुकानों पर भी गिरी गाज

निजी स्कूलों के साथ-साथ उन दुकानों पर भी कार्रवाई शुरू हो गई है, जो स्कूलों से साठगांठ कर अभिभावकों को लूट रही थीं। यूनिवर्सल बुक डिपो, नेशनल बुक डिपो और ब्रदर पुस्तक भंडार जैसी दुकानों को सील कर दिया गया। इन पर जीएसटी चोरी, फर्जी प्रकाशन और बिल न देने जैसे गंभीर आरोप लगे। डीएम के निर्देश पर पुलिस और प्रशासन की संयुक्त टीम ने इन दुकानों पर ताला जड़ दिया। अभिभावकों की शिकायत थी कि ये दुकानें जबरन महंगी किताबें और सामान थोप रही थीं। 

शिक्षा माफियाओं पर प्रशासन का प्रहार

जिला प्रशासन ने साफ कर दिया है कि शिक्षा माफियाओं के खिलाफ यह अभियान जारी रहेगा। स्कूलों को एनसीईआरटी की किताबें लागू करने और राज्य सरकार के नियमों का पालन करने का सख्त निर्देश दिया गया है। अगर आगे भी फीस बढ़ोतरी या अभिभावकों के शोषण की शिकायत मिली, तो कड़ा एक्शन लिया जाएगा। देहरादून के अभिभावकों में इस कार्रवाई से राहत की सांस है, लेकिन सवाल यह है कि क्या यह सख्ती लंबे वक्त तक बरकरार रहेगी?

By admin

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *