देहरादून: उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में नगर निकाय चुनाव के बाद पहली बार नगर निगम बोर्ड की बैठक का आयोजन हुआ। इस खास मौके पर मेयर सौरभ थपलियाल, नगर आयुक्त नमामि बंसल और शहर के 100 वार्डों के पार्षदों ने हिस्सा लिया। बैठक में पार्षदों ने अपने-अपने क्षेत्रों से जुड़े 31 प्रस्ताव पेश किए, जिन पर गहन चर्चा हुई। नये मेयर की अगुवाई में हुई इस पहली बैठक में शहर की बेहतरी के लिए कई अहम मुद्दों पर बातचीत हुई।
बैठक का मुख्य फोकस सफाई व्यवस्था और कूड़ा प्रबंधन पर रहा। पार्षदों ने सड़कों पर स्ट्रीट लाइट्स लगाने, वार्डों में सफाई के लिए अतिरिक्त कर्मचारियों की भर्ती, बरसात से पहले नालों की सफाई, कूड़ा फेंकने वालों पर नजर रखने और सुरक्षा के लिए सीसीटीवी कैमरे लगाने जैसे प्रस्ताव रखे। इसके अलावा भवन कर (प्रॉपर्टी टैक्स) वसूली के लिए विशेष कैंप आयोजित करने की योजना पर भी विचार हुआ। देहरादून नगर निगम इस दिशा में तेजी से काम करने की तैयारी में है।
बैठक में एक बड़ा फैसला लिया गया कि सभी 100 वार्डों में विकास कार्यों (development works) के लिए प्रत्येक पार्षद को 35 लाख रुपये दिए जाएंगे। साथ ही, सुरक्षा और अन्य जरूरी कार्यों के लिए 5-5 लाख रुपये अतिरिक्त बजट का प्रस्ताव भी पास हुआ। हालांकि, स्वच्छता समिति में हुए घोटाले का मुद्दा भी छाया रहा।
एक पार्षद ने बताया कि उनके वार्ड 88 में 10 सफाई कर्मचारी नियुक्त हैं, लेकिन सिर्फ 6 ही काम पर आते हैं। बाकी 4 कर्मचारियों का वेतन कहां जा रहा है, यह सवाल उठा। पिछले बोर्ड की नीतियों में यह खामी थी, लेकिन अब नया बोर्ड इसे जांचने के लिए तैयार है। मेयर से इसकी जांच की मांग की गई है।
पार्षदों ने अपनी बात रखते हुए कहा कि जैसे विधायकों को वेतन (salary) मिलता है, वैसे ही पार्षदों को भी मिलना चाहिए। उनका कहना था कि पार्षदों का खर्चा काफी होता है और उनके साथ नाइंसाफी हो रही है। इसके अलावा, पिछले डेढ़ साल से बोर्ड भंग होने के बाद नगर निगम ने अन्य विभागों जैसे लोक निर्माण और लघु सिंचाई को करोड़ों रुपये दिए, लेकिन वार्डों में विकास कार्य (ward development) दिखाई नहीं दिया। पार्षदों ने मांग की कि इन पैसों का हिसाब-किताब पूरी पारदर्शिता के साथ पेश किया जाए।
मेयर सौरभ थपलियाल ने बैठक में कई अहम निर्देश दिए। उन्होंने नगर निगम क्षेत्र में पहले मौजूद 10 डिस्पेंसरियों को फिर से शुरू करने की योजना बनाने को कहा, ताकि लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मिलें। साथ ही, नगर निगम की आय बढ़ाने के लिए व्यावसायिक भूमि (commercial land) पर मार्केट और कॉम्प्लेक्स बनाने का प्रस्ताव तैयार करने के निर्देश दिए गए। अतिक्रमण (encroachment) के खिलाफ सख्त कदम उठाने के लिए जोनल जेब्रा फोर्स बनाने का फैसला भी लिया गया। इसके अलावा, अन्य शहरों की तरह गेस्ट हाउस बनाने की योजना पर भी काम शुरू होगा।
बैठक में एक अनोखा मुद्दा भी उठा – किन्नरों की बधाई का। किन्नरों द्वारा मनमानी बधाई लेने पर रोक लगाने के लिए चर्चा हुई। तय हुआ कि बधाई की राशि कम से कम 2100 रुपये और अधिकतम 5100 रुपये होगी। हालांकि, अभी यह प्रस्ताव अंतिम नहीं है। नगर निगम किन्नर समुदाय के साथ दो बैठकें करेगा, जिसके बाद फैसला लिया जाएगा। यह कदम शहर में व्यवस्था और पारदर्शिता लाने की दिशा में एक और प्रयास है।