---Advertisement---

स्लम-मुक्त देहरादून का सपना होगा साकार, डीएम ने संभाली कमान

By: Sansar Live Team

On: Sunday, May 11, 2025 7:45 AM

Google News
Follow Us

Slum-Free Dehradun : मलिन बस्तियों को हटाकर शहर को स्वच्छ, सुंदर और सभी के लिए रहने योग्य बनाने की दिशा में जिलाधिकारी सविन बसंल ने कमर कस ली है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के जन-केंद्रित विजन से प्रेरित होकर डीएम ने स्लम क्षेत्रों को व्यवस्थित करने और वहां रहने वाले लोगों के जीवन स्तर को ऊंचा उठाने का बीड़ा उठाया है।

यह सिर्फ एक प्रशासनिक कदम नहीं, बल्कि एक सामाजिक जिम्मेदारी है, जिसका मकसद हर नागरिक को सम्मानजनक और सुरक्षित जीवन देना है। 

11 मई 2025 को ऋषिपर्णा सभागार में आयोजित एक महत्वपूर्ण बैठक में डीएम ने नगर निगम, एमडीडीए, सिंचाई और अन्य विभागों के अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि मलिन बस्तियों का पुनर्वास और शहर को स्लम-मुक्त बनाने के लिए कोई बहाना स्वीकार नहीं होगा।

कानूनी अड़चनें, जमीन के मालिकाना हक या विभागीय टकराव जैसे मुद्दों को दरकिनार करते हुए सभी को एकजुट होकर काम करना होगा। डीएम ने नगर निगम से 2016 से पहले और बाद में बनी 88 बस्तियों की अद्यतन सूची पांच दिनों के भीतर जमा करने को कहा। साथ ही, एमडीडीए को पुनर्वास के लिए उपलब्ध जमीन की पूरी जानकारी देने के निर्देश दिए।

डीएम सविन बसंल ने जोर देकर कहा कि हर नागरिक का गुणवत्तापूर्ण जीवन जीने का अधिकार है। मलिन बस्तियों में रहने वाले लोग भी हमारे अपने हैं, और उन्हें बेहतर आवास, स्वच्छ पानी, बुनियादी सुविधाएं और सम्मानजनक जीवन देना हमारी प्राथमिकता है। उन्होंने अधिकारियों से मानसिक अवरोधों को तोड़ने और यह सोच बदलने की अपील की कि स्लम-मुक्त शहर बनाना असंभव है। डीएम ने स्पष्ट किया कि स्लम हमारी उदासीनता का परिणाम हैं, और इन्हें ठीक करना हमारी ही जिम्मेदारी है। 

शहर की नदियों, खासकर रिस्पना और बिंदाल, के किनारे बसी बस्तियों के पुनर्वास के लिए प्रभावी योजना बनाई जा रही है। इन नदियों के पर्यावरणीय स्वास्थ्य को सुधारने, प्रदूषण कम करने और सौंदर्यीकरण के लिए कई कदम उठाए जा रहे हैं। प्रस्तावित 11 किमी लंबा रिस्पना और 15 किमी लंबा बिंदाल नदी पर चार-लेन एलिवेटेड कॉरिडोर का निर्माण भी इस दिशा में एक बड़ा कदम है।

इसके लिए नदियों के भीतर बिजली, सीवर और हाईटेंशन लाइनों को स्थानांतरित किया जाएगा। साथ ही, नदियों के किनारे रिटेनिंग वॉल और बाढ़ सुरक्षा कार्य भी किए जाएंगे। 

डीएम ने यह भी सुनिश्चित किया कि मलिन बस्तियों के निवासियों को न केवल सुरक्षित स्थान पर बसाया जाए, बल्कि उन्हें रोजगार के अवसरों से भी जोड़ा जाए। यह कदम नई पीढ़ी को बेहतर भविष्य देने और नदियों को प्रदूषण-मुक्त रखने में मदद करेगा। प्रशासन की यह प्रतिबद्धता न केवल देहरादून को एक आधुनिक महानगर के रूप में स्थापित करेगी, बल्कि पर्यावरण संरक्षण और सामाजिक समावेश के क्षेत्र में भी एक मिसाल कायम करेगी। 

अधिकारियों को चेतावनी देते हुए डीएम ने कहा कि जल्द ही एक उच्च-स्तरीय समीक्षा की जाएगी, जिसमें कोई ढिलाई बर्दाश्त नहीं होगी। सभी विभागों को एक मंच पर लाकर एक ठोस कार्ययोजना तैयार की जाएगी। देहरादून को स्लम-मुक्त, स्वच्छ और सुंदर बनाने का यह संकल्प अब केवल एक सपना नहीं, बल्कि हकीकत बनने की राह पर है। 

Join WhatsApp

Join Now

Join Telegram

Join Now

Leave a Comment