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देहरादून में ऑनलाइन सट्टेबाजी का भंडाफोड़, हर ओवर पर लग रहा था दांव

By: Sansar Live Team

On: Friday, April 18, 2025 2:35 PM

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देहरादून की सड़कों से लेकर क्रिकेट के मैदानों तक, अपराध की दुनिया में नई-नई तरकीबें सामने आ रही हैं। लेकिन देहरादून पुलिस की सतर्कता और त्वरित कार्रवाई ने एक बार फिर साबित कर दिया कि कानून से बचना आसान नहीं। हाल ही में, पटेलनगर क्षेत्र में आईपीएल क्रिकेट मैचों में ऑनलाइन सट्टेबाजी के एक बड़े रैकेट का खुलासा हुआ।

इस कार्रवाई में पुलिस ने मुख्य सट्टेबाज को गिरफ्तार किया और सट्टे से जुड़े दो लाख रुपये के बैंक खाते को फ्रीज कर दिया। यह कार्रवाई न केवल देहरादून पुलिस की सक्रियता को दर्शाती है, बल्कि समाज में बढ़ते ऑनलाइन सट्टेबाजी के खतरे को भी उजागर करती है।

गुप्त सूचना से शुरू हुई कार्रवाई

17 अप्रैल, 2025 को देहरादून के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) को एक गुप्त सूचना मिली कि मोहब्बेवाला क्षेत्र में एक व्यक्ति आईपीएल क्रिकेट मैचों में ऑनलाइन सट्टा चला रहा है। इस सूचना के आधार पर एसएसपी ने तुरंत विशेष कार्य बल (एसओजी) और पटेलनगर कोतवाली की संयुक्त टीम गठित की। टीम ने बिना देरी किए मोहब्बेवाला में छापेमारी की। वहां, अखिल बंसल नामक व्यक्ति को प्रतिबंधित गो-एक्सचेंज ऐप के जरिए मुंबई इंडियंस और सनराइजर्स हैदराबाद के बीच चल रहे आईपीएल मैच में सट्टा खिलवाते हुए रंगे हाथों पकड़ा गया।

क्या-क्या हुआ बरामद?

पुलिस ने अखिल बंसल के कब्जे से दो मोबाइल फोन और एक रजिस्टर जब्त किया, जिसमें सट्टेबाजी से जुड़ी कई महत्वपूर्ण जानकारियां दर्ज थीं। जांच में पता चला कि अखिल के बैंक खाते में सट्टे से कमाए गए दो लाख रुपये जमा थे। पुलिस ने तत्काल कार्रवाई करते हुए इस खाते को फ्रीज करवा दिया। यह रजिस्टर सट्टेबाजी के पूरे नेटवर्क को समझने में पुलिस के लिए अहम साबित हो रहा है।

सट्टेबाजी का जाल: कैसे काम करता था?

पूछताछ में अखिल बंसल ने बताया कि वह गो-एक्सचेंज ऐप पर अपना ऑनलाइन खाता चलाता था। इस ऐप के जरिए वह पॉइंट्स खरीदता और छोटे-छोटे सट्टेबाजों को बेचता था। वह दूसरों को भी इस ऐप पर खाता खोलने के लिए प्रेरित करता और उनके जरिए सट्टा खेलवाता। लेन-देन के लिए गूगल पे जैसे डिजिटल प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल होता था। सट्टा हर गेंद, हर ओवर, टीम की हार-जीत, नो-बॉल, चौके-छक्कों और अन्य कई तरीकों से खेला जाता था। यह जटिल नेटवर्क न केवल तकनीक का दुरुपयोग दर्शाता है, बल्कि युवाओं को गलत रास्ते पर ले जाने का एक खतरनाक उदाहरण भी है।

पुलिस की सतर्कता और समाज के लिए संदेश

इस कार्रवाई में शामिल पुलिस टीम, जिसमें उप-निरीक्षक देवेश खुगशाल, निरीक्षक मुकेश त्यागी और अन्य जवान शामिल थे, ने अपनी सूझबूझ और त्वरित कार्रवाई से एक बड़े अपराध को रोकने में सफलता हासिल की। यह घटना समाज के लिए एक चेतावनी है कि ऑनलाइन सट्टेबाजी जैसे अवैध कार्यों में शामिल होने के गंभीर परिणाम हो सकते हैं। देहरादून पुलिस की यह कार्रवाई न केवल अपराधियों के लिए सबक है, बल्कि आम लोगों को भी जागरूक करती है कि वे ऐसी गतिविधियों से दूर रहें।

आगे क्या?

पुलिस अब बरामद रजिस्टर और अन्य सबूतों के आधार पर सट्टेबाजी के इस नेटवर्क के अन्य लोगों तक पहुंचने की कोशिश कर रही है। यह कार्रवाई न केवल देहरादून में, बल्कि पूरे देश में ऑनलाइन सट्टेबाजी के खिलाफ एक बड़ा कदम हो सकता है। समाज को सुरक्षित और अपराधमुक्त बनाने के लिए ऐसी कार्रवाइयां और सख्त कानूनी कदम जरूरी हैं।

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