---Advertisement---

Dehradun : पाकिस्तान से वीडियो वायरल, कालसी की जमीन को बताया अपनी पैतृक संपत्ति

By: Sansar Live Team

On: Thursday, December 4, 2025 5:50 PM

Google News
Follow Us
---Advertisement---

देहरादून : उत्तराखंड के देहरादून जिले में स्थित कालसी तहसील एक खूबसूरत जनजातीय क्षेत्र है। जौनसारी समुदाय की बहुलता वाला यह इलाका अब एक नए विवाद की वजह से सुर्खियों में आ गया है। कुछ लोग जो पाकिस्तान में रहते हैं, दावा कर रहे हैं कि कालसी की कुछ जमीन उनकी पैतृक संपत्ति है। ये दावे दो वीडियो के जरिए सामने आए हैं जो कथित तौर पर पाकिस्तान से रिकॉर्ड किए गए हैं।

क्या है पूरा मामला?

उत्तराखंड स्वाभिमान मोर्चा ने गंभीर आरोप लगाया है कि जम्मू-कश्मीर के रहने वाले और वहां पुलिस में रहे गुलाम हैदर ने कुछ नेताओं, अधिकारियों और संगठनों की मिलीभगत से कालसी और आसपास के इलाकों में बड़े पैमाने पर जमीन खरीदी है। मोर्चा का कहना है कि यह सिर्फ जमीन का सौदा नहीं, बल्कि सुनियोजित तरीके से जनजातीय क्षेत्र की आबादी का चेहरा बदलने की कोशिश है।

मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष बाबी पंवार ने बताया कि फरवरी 2024 में भी उन्होंने इस मामले को उठाया था। उस समय प्रशासन ने कुछ कार्रवाई का दिखावा किया, लेकिन बाद में सब कुछ ठंडे बस्ते में डाल दिया गया। अब फिर से वही खेल शुरू हो गया है।

फर्जी जाति प्रमाणपत्र का खेल भी जोरों पर

सबसे बड़ी बात है की ये चीजें यहीं नहीं रुकतीं, कालसी और विकासनगर में गैर-जनजातीय लोग फर्जी जाति प्रमाणपत्र बनवा रहे हैं। इससे वे सरकारी नौकरियों, आरक्षण और सबसे बड़ी बात जनजातीय क्षेत्र में जमीन खरीदने का अधिकार हासिल कर लेते हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि अगर यह सिलसिला नहीं रुका तो आने वाले 10-15 साल में जौनसारी समुदाय अल्पसंख्यक बन सकता है।

क्यों है यह मामला देश की सुरक्षा से जुड़ा?

जनजातीय इलाके सीमावर्ती राज्य में हैं। यहां अगर बड़े पैमाने पर बाहर के लोग बसने लगें, खासकर ऐसे लोग जिनका पाकिस्तान से कोई नाता जोड़ा जा रहा हो, तो यह राष्ट्रीय सुरक्षा के लिहाज से खतरे की घंटी है। रिटायर्ड आर्मी ऑफिसर्स और सुरक्षा विशेषज्ञ भी मानते हैं कि हिमालयी राज्यों में डेमोग्राफिक बदलाव को हल्के में नहीं लिया जा सकता।

सरकार पर सवाल, आंदोलन की चेतावनी

बाबी पंवार ने साफ कहा भाजपा सरकार पूरे देश में डेमोग्राफी बदलाव के खिलाफ बड़े-बड़े दावे करती है, लेकिन अपने राज्य में आंखें मूंदे बैठी है। मोर्चा ने मांग की है कि दोषी अधिकारियों को तुरंत बर्खास्त किया जाए और सभी संदिग्ध जमीन सौदों की हाईकोर्ट की निगरानी में जांच हो। अगर ऐसा नहीं हुआ तो स्वाभिमान मोर्चा पूरे उत्तराखंड में बड़ा आंदोलन करेगा।

यह मामला सिर्फ कालसी या जौनसारी समुदाय का नहीं रहा। यह पूरे उत्तराखंड की अस्मिता, संस्कृति और सुरक्षा का सवाल बन गया है। आने वाले दिनों में इस पर राज्य और केंद्र सरकार क्या कदम उठाती है, यह देखना महत्वपूर्ण होगा।

Join WhatsApp

Join Now

Join Telegram

Join Now

Leave a Comment