देहरादून : उत्तराखंड के देहरादून जिले के दूरस्थ इलाके चकराता में एक बेहद गंभीर और दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है। एक गर्भवती महिला के साथ उसके ही गांव के एक शख्स ने कथित तौर पर जबरन दुष्कर्म किया। पीड़िता की शिकायत के बाद पुलिस ने तुरंत कार्रवाई करते हुए आरोपी को मात्र चार दिन के अंदर गिरफ्तार कर लिया।
क्या हुआ था?
30 नवंबर 2025 को चकराता तहसील के बरौथा राजस्व क्षेत्र के बिजनू गांव में रहने वाली गर्भवती महिला ने थाने में लिखित शिकायत दर्ज कराई। उसने बताया कि गांव का ही 30 वर्षीय मुकेश चौहान ने उसके साथ जबरदस्ती शारीरिक संबंध बनाए। यह मामला इतना संवेदनशील था कि पहले राजस्व पुलिस के पास था, लेकिन 2 दिसंबर को जिलाधिकारी के आदेश पर इसे नियमित पुलिस को सौंप दिया गया।
पुलिस ने दिखाई तत्परता
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक देहरादून के निर्देश पर तुरंत एक विशेष टीम गठित की गई। टीम की अगुवाई थानाध्यक्ष चकराता चंद्रशेखर नौटियाल और महिला उपनिरीक्षक हेमा बिष्ट ने की। मुखबिरों और निगरानी की मदद से पुलिस को पता चला कि आरोपी लाखामंडल पुल के आसपास छिपा हुआ है। आज सुबह 4 दिसंबर 2025 को पुलिस ने उसे धर दबोचा।
आरोपी कौन है?
- नाम: मुकेश चौहान (उम्र 30 साल)
- पिता का नाम: धर्म सिंह चौहान
- गांव: बिजनू, तहसील चकराता, देहरादून
गर्भवती महिला से दुष्कर्म क्यों है सबसे गंभीर अपराध?
महिला सुरक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि गर्भावस्था के दौरान बलात्कार सिर्फ शारीरिक हिंसा ही नहीं, बल्कि मानसिक और भावी संतान पर भी गहरा असर डालता है। ऐसे मामलों में गर्भपात का खतरा, डिप्रेशन और PTSD जैसी समस्याएं बहुत बढ़ जाती हैं। यही वजह है कि नए भारतीय न्याय संहिता (BNS) में भी इस तरह के अपराधों के लिए कड़ी सजा का प्रावधान किया गया है।
समाज के लिए क्या संदेश है?
यह घटना एक बार फिर ग्रामीण इलाकों में महिलाओं की सुरक्षा को लेकर सवाल उठाती है। अच्छी बात यह है कि इस बार पीड़िता ने हिम्मत दिखाई और तुरंत शिकायत की, जबकि पुलिस ने भी बिना देरी किए कार्रवाई की। विशेषज्ञों का मानना है कि अगर हर मामले में ऐसी तेजी दिखे तो अपराधियों में डर जरूर बैठेगा।
पुलिस अब मामले की गहन जांच कर रही है और जल्द ही आरोपी को कोर्ट में पेश किया जाएगा। पीड़िता को सरकारी योजना के तहत मेडिकल, कानूनी और मनोवैज्ञानिक सहायता भी दी जा रही है।
