---Advertisement---

देहरादून वालों के लिए बड़ी खुशखबरी, रिस्पना-बिंदाल और आशारोड़ी-झाझरा एलिवेटेड रोड पर तेज़ होगा काम

By: Sansar Live Team

On: Thursday, December 4, 2025 1:44 PM

Google News
Follow Us
---Advertisement---

देहरादून : देहरादून की सड़कों पर हर रोज़ लगने वाला भयानक ट्रैफिक जाम अब पुरानी बात होने वाला है। शहर के दो सबसे बड़े और महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट रिस्पना-बिंदाल एलिवेटेड कॉरिडोर और आशारोड़ी-झाझरा एलिवेटेड रोड को तेज़ गति देने के लिए जिला प्रशासन ने अब पूरी ताकत लगा दी है। जिलाधिकारी सविन बंसल ने खुद मोर्चा संभाला और सभी विभागों को साफ-साफ चेतावनी दे दी कि काम में एक दिन की भी देरी बर्दाश्त नहीं होगी।

मुख्यमंत्री की टॉप प्राथमिकता है ये प्रोजेक्ट

ये दोनों प्रोजेक्ट मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की खास प्राथमिकता में शामिल हैं। वजह साफ है देहरादून से हरिद्वार, ऋषिकेश और मसूरी की तरफ जाने वाले लाखों वाहन रोज़ इसी रास्ते से गुजरते हैं। सुबह-शाम का ट्रैफिक इतना भयानक हो जाता है कि घंटों फंसना आम बात है। इन एलिवेटेड रोड के बनने से शहर के अंदर का ट्रैफिक नीचे रहेगा और लंबी दूरी के वाहन ऊपर से निकल जाएंगे। नतीजा? जाम में 50-60% तक की कमी आने का अनुमान है।

अब तक कितना काम हुआ, कितना बाकी?

रिस्पना एलिवेटेड कॉरिडोर करीब 10.4 किलोमीटर लंबा होगा, जबकि बिंदाल वाला हिस्सा 14.3 किलोमीटर तक जाएगा। दोनों मिलाकर कुल 105 हेक्टेयर से ज्यादा जमीन चाहिए। इसमें ज्यादातर सरकारी जमीन है, लेकिन कुछ निजी और वन विभाग की जमीन भी आ रही है। सबसे बड़ी चुनौती 2600 से ज्यादा घरों-दुकानों का पुनर्वास है। प्रशासन ने अब साफ कर दिया है कि पहले सरकारी जमीन को पूरी तरह खाली कराया जाएगा, फिर निजी मालिकों को उचित मुआवजा देकर जगह दी जाएगी।

जिलाधिकारी ने दिए सख्त निर्देश

बैठक में डीएम सविन बंसल ने एक-एक विभाग को टारगेट दे दिया। नगर निगम और एमडीडीए को अपनी सारी जमीन का रिकॉर्ड एक हफ्ते में देना होगा। राजस्व विभाग और लोक निर्माण विभाग को मौके पर कैंप करके अतिक्रमण हटाना है। देहरादून-हरिद्वार रोड पर जहां-जहां अवैध कब्जे हैं, वहां पुलिस के साथ मिलकर तुरंत बुलडोजर चलाने के आदेश दे दिए गए हैं।

विशेषज्ञों का कहना है…

शहरी यातायात विशेषज्ञ डॉ. अनिल शर्मा कहते हैं, “देहरादून की आबादी पिछले 10 साल में दोगुनी हो गई है, लेकिन सड़कें उतनी ही हैं। अगर ये दोनों एलिवेटेड रोड समय पर बन गए तो न सिर्फ ट्रैफिक कम होगा, बल्कि प्रदूषण में भी 30% तक की कमी आएगी। ये प्रोजेक्ट उत्तराखंड की अर्थव्यवस्था के लिए भी गेम-चेंजर साबित होंगे।”

आम जनता को क्या फायदा?

सबसे बड़ा फायदा ये होगा कि देहरादून से हरिद्वार या ऋषिकेश जाने में अब 1-2 घंटे नहीं लगेंगे। स्कूल जाने वाले बच्चे, ऑफिस जाने वाले लोग, पर्यटक सबको राहत मिलेगी। साथ ही शहर के अंदर का ट्रैफिक सुगम होगा तो एम्बुलेंस और फायर ब्रिगेड जैसी इमरजेंसी सेवाएं भी तेज़ी से पहुंच सकेंगी।

प्रशासन का दावा है कि अगले कुछ महीनों में भूमि अधिग्रहण का काम पूरा हो जाएगा और 2026 के अंत तक दोनों प्रोजेक्ट पर निर्माण शुरू हो सकता है। अब देखना ये है कि ये वादे कितनी जल्दी हकीकत में बदलते हैं।

Join WhatsApp

Join Now

Join Telegram

Join Now

Leave a Comment