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Rudraprayag : बर्फबारी में भी नहीं रुकेंगे बाबा के दर्शन, ओंकारेश्वर मंदिर में शीतकालीन यात्रा शुरू

By: Sansar Live Team

On: Thursday, December 4, 2025 11:20 AM

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ऊखीमठ(रुद्रप्रयाग) : हर साल नवंबर आते ही बर्फीली चोटियों में छिप जाता है बाबा केदारनाथ का धाम। लेकिन भक्तों का मन नहीं मानता। तभी तो पंचकेदार की शीतकालीन गद्दी ऊखीमठ के प्राचीन ओंकारेश्वर मंदिर में विराजमान हो जाती है और अगले छह महीने तक यहीं से बाबा केदार की पूजा होती है। इस बार भी परंपरा का निर्वहन करते हुए गुरुवार को मंत्रोच्चार और घंटा-घड़ियाल की गूंज के बीच शीतकालीन यात्रा का शुभारंभ हो गया।

कलश यात्रा में उमड़ी श्रद्धा की बाढ़

सुबह-सुबह जीएमवीएन परिसर से शुरू हुई कलश यात्रा ने पूरे ऊखीमठ को भक्तिमय बना दिया। सैकड़ों महिलाएं सिर पर कलश लिए, युवा मंगल दल के बच्चे ढोल-मंजीरे बजाते और स्कूली बच्चे रंग-बिरंगे परिधानों में चल रहे थे। रास्ते में जगह-जगह पुष्पवर्षा हो रही थी। ऐसा लग रहा था मानो पूरा कस्बा एक साथ “हर-हर महादेव” के जयकारे लगा रहा हो। यात्रा जब ओंकारेश्वर मंदिर पहुंची तो वहां मौजूद विधायक, जिलाधिकारी और बद्री-केदार मंदिर समिति के पदाधिकारियों ने विधि-विधान से पूजा कर यात्रा का औपचारिक उद्घाटन किया।

पिछले साल से ज्यादा श्रद्धालु आने की उम्मीद

केदारनाथ की विधायक आशा नौटियाल ने कहा, “पिछले साल खुद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी जी यहां आए थे और यात्रा का शुभारंभ किया था। इस बार भी वही भव्यता और उत्साह दिख रहा है। मुझे पूरा विश्वास है कि इस साल और भी ज्यादा श्रद्धालु बाबा के शीतकालीन धाम के दर्शन करने आएंगे।” उन्होंने भगवान ओंकारेश्वर से पूरे उत्तराखंड की सुख-शांति और समृद्धि की कामना की।

प्रशासन ने की पूरी तैयारी

जिलाधिकारी प्रतीक जैन ने बताया कि शीतकालीन यात्रा को देखते हुए सभी इंतजाम पुख्ता कर दिए गए हैं। सड़कें दुरुस्त हैं, पेयजल और बिजली की कोई कमी नहीं रहेगी, पार्किंग की अच्छी व्यवस्था की गई है और सुरक्षा के भी कड़े बंदोबस्त हैं। उनका कहना है कि इससे स्थानीय लोगों को रोजगार मिलेगा और ऊखीमठ की अर्थव्यवस्था को नया बल मिलेगा।

यहां दर्शन का वही पुण्य जो केदारनाथ में

ओंकारेश्वर मंदिर के मुख्य पुजारी शिवशंकर लिंग जी बताते हैं, “यह मंदिर पंचकेदार की शीतकालीन गद्दी है। शास्त्रों में कहा गया है कि यहां दर्शन करने से उतना ही फल मिलता है जितना ग्रीष्मकाल में केदारनाथ जाकर मिलता है।” इसलिए जो भक्त बर्फबारी की वजह से ऊपर नहीं जा पाते, वे यहां आकर मन की शांति पाते हैं।

क्यों खास है यह शीतकालीन यात्रा?

पिछले कुछ सालों में शीतकालीन चारधाम यात्रा की लोकप्रियता तेजी से बढ़ी है। 2024 में ही ऊखीमठ में करीब 4 लाख से ज्यादा श्रद्धालु आए थे। इस बार प्रशासन और मंदिर समिति को 5 लाख से ऊपर की उम्मीद है। सर्दियों में शांत वातावरण, बर्फ से ढके पहाड़ और मंदिर की दिव्य ऊर्जा यह अनुभव सचमुच अलौकिक होता है।

तो अगर आप भी इस सर्दी बाबा केदार के दर्शन करना चाहते हैं, तो ऊखीमठ जरूर आएं। यहां आने से न सिर्फ मन को सुकून मिलेगा, बल्कि स्थानीय लोगों की मेहनत को भी सहारा मिलेगा।

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