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देहरादून में ताबड़तोड़ चेकिंग: 1 घंटे में 2600 गाड़ियाँ चेक, संदिग्धों की अब खैर नहीं

By: Sansar Live Team

On: Thursday, December 4, 2025 10:12 AM

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देहरादून : देहरादून शहर और आसपास के इलाकों में इन दिनों पुलिस की सक्रियता देखते ही बनती है। सुबह से लेकर शाम तक सड़कों पर, चौराहों पर और बॉर्डर चेकपोस्टों पर पुलिस की टीमें मुस्तैदी से तैनात हैं। इसका मकसद सिर्फ एक है शहर को सुरक्षित रखना और किसी भी संदिग्ध गतिविधि को पहले ही पकड़ लेना।

SSP के सख्त निर्देशों से शुरू हुआ मेगा चेकिंग अभियान

देहरादून के SSP अजय सिंह खुद इस पूरे अभियान की निगरानी कर रहे हैं। उनके आदेश हैं कि रूटीन चेकिंग के अलावा कभी भी, कहीं भी अचानक बड़े स्तर पर सर्च ऑपरेशन चलाया जाए। यही वजह है कि 4 दिसंबर 2025 की सुबह से ही पूरे जिले में एक साथ दर्जनों पुलिस टीमें सक्रिय हो गईं।

शहर हो या गांव, मुख्य सड़कें हों या अंदरूनी रास्ते हर जगह पुलिस की गाड़ियाँ दिखीं। सभी थानों के SHO और क्षेत्राधिकारी खुद मैदान में उतरे और अपनी-अपनी टीमों के साथ चेकिंग की कमान संभाली।

क्या-क्या चेक किया गया?

इस अभियान में पुलिस ने कोई कोर-कसार नहीं छोड़ी। आने-जाने वाली हर गाड़ी को रोका गया चाहे प्राइवेट कार हो, बाइक हो या बस। खास तौर पर उत्तर प्रदेश, हरियाणा, हिमाचल और पंजाब से आने वाले लोगों के कागजात अच्छे से देखे गए।

आंकड़े अपने आप में चौंकाने वाले हैं:

  • करीब 2607 वाहनों की गहन जांच
  • 4924 लोगों से पूछताछ और दस्तावेज सत्यापन
  • ट्रैफिक नियम तोड़ने वालों के खिलाफ सैकड़ों चालान

क्यों जरूरी है ऐसा अभियान?

पिछले कुछ सालों में उत्तराखंड में पर्यटकों की संख्या तेजी से बढ़ी है। साथ ही त्योहारों का सीजन भी चल रहा है। ऐसे में बाहर से आने वाले लोगों की संख्या बढ़ जाती है। कुछ असामाजिक तत्व इस भीड़ का फायदा उठाकर गलत काम कर सकते हैं।

क्राइम एक्सपर्ट मानते हैं कि ऐसे रैंडम और बड़े चेकिंग अभियान से अपराधियों में डर बना रहता है। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया, “जब अपराधी को पता होता है कि कहीं भी, कभी भी पकड़े जा सकते हैं तो वो रिस्क नहीं लेते। यही हमारा मकसद है।”

आम आदमी को क्या फायदा?

सबसे बड़ी बात ये है कि शहर के लोग अब ज्यादा सुरक्षित महसूस कर रहे हैं। बाजार में खरीदारी करने वाली महिलाएं, स्कूल जाते बच्चे, देर रात ड्यूटी से लौटने वाले लोग सबको लगता है कि पुलिस उनकी सुरक्षा के लिए चौबीसों घंटे अलर्ट है।

एक स्थानीय दुकानदार ने बताया, “पहले रात को दुकान बंद करके थोड़ा डर लगता था। अब पुलिस की गाड़ियाँ हर आधे-एक घंटे में निकलती दिखती हैं। मन को सुकून मिलता है।”

आगे भी जारी रहेगा अभियान

SSP कार्यालय से मिली जानकारी के मुताबिक ये चेकिंग कोई एक-दो दिन की मुहिम नहीं है। ये लगातार चलने वाला सघन सुरक्षा कवच है। आने वाले दिनों में और भी बड़े स्तर पर ऐसे ऑपरेशन देखने को मिल सकते हैं।

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