Dehradun Breaking News : उत्तराखंड के माननीय मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के सख्त निर्देश पर चल रहे “ऑपरेशन कालनेमि” में दून पुलिस को एक के बाद एक बड़ी सफलताएं मिल रही हैं। ताजा कामयाबी में पुलिस ने दो बांग्लादेशी महिलाओं को पकड़ा है, जिनमें से एक ने तो हिंदू नाम रखकर फर्जी दस्तावेज बनवाए और देहरादून में ही एक हिंदू युवक से शादी तक रचा ली थी।
फर्जी नाम से बन गए सारे भारतीय दस्तावेज, शादी भी कर ली
पटेलनगर पुलिस को 24 नवंबर 2025 को गुप्त सूचना मिली कि देहराखास पटेलनगर इलाके में एक महिला अवैध तरीके से रह रही है। पुलिस ने तुरंत छापा मारा और भूमि शर्मा नाम की महिला को हिरासत में लिया। पूछताछ में चौंकाने वाला खुलासा हुआ – असल में उसका नाम बबली खातून है और वह बांग्लादेश की रहने वाली है।
बबली ने बताया कि कोविड के समय वह चोरी-छिपे बॉर्डर पार करके भारत आ गई थी। 2021 में वह देहरादून पहुंची और 2022 में एक स्थानीय हिंदू युवक से शादी कर ली। शादी के बाद उसने अपने परिचितों की मदद से “भूमि शर्मा” के नाम से आधार कार्ड, वोटर आईडी, राशन कार्ड, आयुष्मान कार्ड जैसे सारे फर्जी भारतीय दस्तावेज बनवा लिए।
पुलिस ने उसके पास से ये सारी फर्जी दस्तावेजें और एक बांग्लादेशी आईडी भी बरामद की। बबली खातून के खिलाफ IPC की धारा 420, 467, 468, 471, पासपोर्ट एक्ट की धारा 3 और विदेशी अधिनियम की धारा 14 के तहत मुकदमा दर्ज कर उसे गिरफ्तार कर लिया गया है। फर्जी दस्तावेज बनवाने में जिन लोगों ने उसकी मदद की थी, वे भी अब पुलिस की रडार पर हैं – जल्द ही उनके खिलाफ भी कार्रवाई होगी।
दूसरी महिला मजदूरी करके कर रही थी गुजारा, अब होगी डिपोर्ट
इसी दौरान कारगी रोड, कालिंदी विहार फेज-2 से पुलिस ने एक और बांग्लादेशी महिला को पकड़ा। उसने अपना नाम बॉबी खातून बताया। 41 साल की बॉबी ने कबूल किया कि वह 2023 में अवैध तरीके से भारत आई थी और देहरादून में मजदूरी करके अपना पेट पाल रही थी। उसके पास से बांग्लादेशी पासपोर्ट की फोटोकॉपी मिली है। भारत सरकार के निर्देशों के अनुसार उसे जल्द ही बांग्लादेश डिपोर्ट कर दिया जाएगा।
ऑपरेशन कालनेमि में अब तक 17 बांग्लादेशी पकड़े गए
ऑपरेशन कालनेमि के तहत देहरादून जिले में अब तक कुल 17 अवैध बांग्लादेशी नागरिकों के खिलाफ कार्रवाई हो चुकी है। इनमें से 8 लोगों के खिलाफ फर्जी दस्तावेज बनाने के मामले दर्ज कर उन्हें जेल भेजा गया है, जबकि 9 को पहले ही डिपोर्ट किया जा चुका है।
पुलिस का कहना है कि मुख्यमंत्री के निर्देश पर पूरे राज्य में यह अभियान लगातार जारी है और अवैध घुसपैठियों व फर्जी दस्तावेज बनाने वालों पर कड़ी कार्रवाई की जा रही है।
