Credit Score : कम आय वाले भी बना सकते हैं हाई क्रेडिट स्कोर, जानिए कैसे

Credit Score : क्रेडिट स्कोर (Credit Score) आपकी फाइनेंशियल जिंदगी का आईना है, जो मुख्य रूप से पेमेंट हिस्ट्री (Payment History), बकाया राशि (Outstanding Amount), क्रेडिट हिस्ट्री की लंबाई (Length of Credit History), नए क्रेडिट (New Credit) और क्रेडिट के प्रकारों (Types of Credit) से तय होता है।

ज्यादा कमाई वाले लोग ज्यादा लोन लेने की ताकत रखते हैं, जो अप्रत्यक्ष रूप से उनके क्रेडिट स्कोर (Credit Score) को मजबूत बना सकती है। लेकिन कमाई का जादू हमेशा काम नहीं करता – अगर आप समय पर EMI न चुकाएं या क्रेडिट कार्ड की लिमिट का ओवरयूज करें, तो क्रेडिट स्कोर (Credit Score) गिरते देर नहीं लगेगी।

ज्यादा कमाई वाले क्यों फंस जाते हैं क्रेडिट स्कोर में?

ज्यादा कमाई होने पर लगता है सब आसान है, लेकिन अगर पेमेंट हिस्ट्री (Payment History) में गड़बड़ी हो, जैसे लोन की किस्तें लेट जमा करना, तो क्रेडिट स्कोर (Credit Score) पर बुरा असर पड़ता है। क्रेडिट कार्ड की सीमा का ज्यादा इस्तेमाल (Credit Utilization) या पुराने अकाउंट्स बंद करना भी स्कोर को नीचे खींच लेता है।

कम आय वाले लोग अगर अनुशासन से पेमेंट हिस्ट्री (Payment History) मैनेज करें और बकाया राशि (Outstanding Amount) कंट्रोल में रखें, तो उनका क्रेडिट स्कोर (Credit Score) ऊंचा उड़ान भर सकता है। याद रखें, क्रेडिट स्कोर (Credit Score) आय से ज्यादा आपकी फाइनेंशियल डिसिप्लिन पर टिका है।

लोन लेने का स्मार्ट तरीका, क्रेडिट स्कोर को बचाएं

अपनी कमाई के हिसाब से ही लोन लें – हाई इनकम वाले ज्यादा क्रेडिट लिमिट ले सकते हैं, लेकिन कुल लिमिट के 30% से ज्यादा यूज न करें। इससे चुकाना आसान रहता है और क्रेडिट यूटिलाइजेशन रेशियो (Credit Utilization Ratio) बैलेंस्ड रहता है। कई क्रेडिट कार्ड यूजर्स फ्यूचर इनकम के नाम पर नया लोन ले लेते हैं, जो रिस्की गेम है।

क्रेडिट हिस्ट्री की लंबाई (Length of Credit History) बनाए रखें और नए क्रेडिट (New Credit) से बचें, ताकि क्रेडिट स्कोर (Credit Score) स्टेबल रहे। कम क्रेडिट लेने से लाइफ सिंपल हो जाती है, और पेमेंट हिस्ट्री (Payment History) पर फोकस रहता है।