सीएम धामी ने क्यों कहा ये पेपर लीक नहीं, नकल का मामला है?

UKSSSC Paper Leak : उत्तराखंड में यूकेएसएसएससी (UKSSSC) परीक्षा के दौरान प्रश्न पत्र के तीन पन्ने बाहर आने की खबर ने पूरे प्रदेश में हंगामा मचा दिया। लेकिन मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इसे पेपर लीक मानने से साफ इनकार कर दिया है। उनका कहना है कि अगर पेपर सुबह 9 या 10 बजे बाहर आया होता, तब इसे पेपर लीक कहा जा सकता था।

लेकिन ऐसा कुछ हुआ नहीं। गुरुवार को देहरादून में पंडित दीनदयाल उपाध्याय शैक्षिक उत्कृष्टता पुरस्कार समारोह में सीएम धामी ने यह बात कही। इस मौके पर उन्होंने बोर्ड परीक्षा में टॉप 10 रैंक हासिल करने वाले 10वीं और 12वीं के 75 मेधावी छात्रों को सम्मानित किया। साथ ही, 53 स्कूलों के प्रधानाचार्यों को भी उनके उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए पुरस्कृत किया गया।

क्या है पूरा मामला?

सीएम धामी ने अपने संबोधन में इस मामले पर खुलकर बात की। उन्होंने कहा कि अगर किसी को प्रश्न पत्र के कुछ पन्ने मिले थे, तो उसकी जिम्मेदारी थी कि वह तुरंत पुलिस या प्रशासन को सूचित करता। लेकिन ऐसा नहीं हुआ। कई घंटों तक इस मामले को छुपाया गया।

धामी ने सवाल उठाया कि इसके पीछे क्या एजेंडा था? उन्होंने कहा कि बाद में सोशल मीडिया और अन्य माध्यमों से इसे फैलाकर पूरे सिस्टम को बदनाम करने की कोशिश की गई।

सीएम ने साफ कहा, “मैं इसे पेपर लीक नहीं कहूंगा। इसे नकल का मामला कह सकते हैं। नकल रोकने के लिए हमने सख्त कानून बनाया है। कानून बनने का मतलब यह नहीं कि अपराधी नहीं होंगे, लेकिन सजा जरूर मिलेगी। इस मामले में भी सख्त कार्रवाई होगी।”

कैसे हुआ हंगामा?

21 सितंबर को उत्तराखंड में यूकेएसएसएससी की परीक्षा आयोजित की गई थी। हरिद्वार के आदर्श बाल सदन इंटर कॉलेज, बहादुरपुर जट में एक परीक्षा केंद्र था, जहां से प्रश्न पत्र लीक होने का आरोप लगा। इस खबर ने पूरे प्रदेश में सनसनी मचा दी।

लेकिन सवाल यह है कि आखिर तीन पन्ने बाहर कैसे आए? इस केंद्र के 18 कमरों में से तीन कमरों (नंबर 9, 17 और 18) में जैमर नहीं लगे थे। आरोप है कि परीक्षा शुरू होने के आधे घंटे बाद मुख्य आरोपी खालिद, जो खुद एक अभ्यर्थी था, इंविजिलेटर से अनुमति लेकर बाहर निकला। हैरानी की बात यह है कि खालिद अपने साथ प्रश्न पत्र भी ले गया।

वॉशरूम में हुआ खेल

आरोपों के मुताबिक, खालिद ने वॉशरूम में जाकर प्रश्न पत्र के कुछ पन्नों की तस्वीरें खींचीं और तीन पेज अपनी बहन साबिया को भेज दिए। साबिया ने ये तस्वीरें प्रोफेसर सुमन को भेजीं। खालिद ने पहले ही अपनी बहन को सारी योजना बता रखी थी। साबिया ने जानबूझकर पेपर की तस्वीरें प्रोफेसर सुमन को भेजीं, जिन्होंने प्रश्नों के जवाब दिए।

लेकिन सुमन ने इसकी जानकारी पुलिस को देने के बजाय उत्तराखंड स्वाभिमान मोर्चा के अध्यक्ष बॉबी पंवार को दी। बॉबी ने इस खबर को सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया, जिसके बाद मामला तूल पकड़ गया।

पुलिस की कार्रवाई और निलंबन

पुलिस ने इस मामले में तुरंत जांच शुरू की। प्रोफेसर सुमन से पूछताछ के बाद साबिया को गिरफ्तार किया गया। साबिया ने अपने भाई खालिद का नाम लिया। खालिद शुरुआत में फरार हो गया था, लेकिन बाद में पुलिस ने उसे भी पकड़ लिया। हालांकि, खालिद का मोबाइल अभी तक नहीं मिला है, जिसमें कई अहम सुराग हो सकते हैं।

इस मामले में उच्च शिक्षा विभाग ने प्रोफेसर सुमन को निलंबित कर दिया है। साथ ही, जिला ग्रामीण विकास अभिकरण के परियोजना निदेशक केएन तिवारी को भी निलंबित किया गया, जिन्हें परीक्षा की निगरानी की जिम्मेदारी दी गई थी। इसके अलावा, हरिद्वार एसएसपी ने एक दारोगा समेत दो पुलिसकर्मियों को सस्पेंड कर दिया है।