Women’s Safety Dehradun : देहरादून महिलाओं के लिए सुरक्षित या असुरक्षित? आयोग ने दिया बड़ा बयान
Women’s Safety Dehradun : उत्तराखंड की राजधानी देहरादून को एक निजी कंपनी की किताब में महिलाओं के लिए असुरक्षित शहरों की सूची में शामिल करने पर उत्तराखंड महिला आयोग ने कड़ा रुख अपनाया है।
आयोग की अध्यक्ष कुसुम कण्डवाल ने इस तरह की रिपोर्ट को निंदनीय बताते हुए कहा कि यह देहरादून की छवि को खराब करने की साजिश है। उनका कहना है कि प्रदेश में महिलाएं पूरी तरह सुरक्षित हैं और सरकार इस मुद्दे पर बेहद गंभीर है।
नारी 2025 की रिपोर्ट का सच
28 अगस्त, 2025 को दिल्ली में एक निजी कंपनी द्वारा आयोजित ‘नारी 2025’ कार्यक्रम में ग्रुप ऑफ इंटेलेक्चुअल्स एंड एकेडमिशियंस ने ‘नारी 2025’ नामक किताब का विमोचन किया। इस किताब में पीवैल्यू एनालिटिक्स के सर्वे के आधार पर 31 शहरों में 12,770 महिलाओं से बातचीत के बाद राष्ट्रीय महिला सुरक्षा स्कोर को 65% बताया गया है।
किताब में देहरादून को महिलाओं के लिए असुरक्षित शहरों की सूची में शामिल किया गया है। लेकिन उत्तराखंड और राष्ट्रीय महिला आयोग ने साफ कर दिया है कि इस सर्वे से उनका कोई लेना-देना नहीं है।
कुसुम कण्डवाल का कड़ा बयान
उत्तराखंड महिला आयोग की अध्यक्ष कुसुम कण्डवाल ने इस मामले पर तीखी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा, “केवल 12,770 महिलाओं के सर्वे के आधार पर देहरादून को असुरक्षित बताना पूरी तरह गलत और निंदनीय है। देहरादून की महिलाएं अच्छी तरह जानती हैं कि यहां उनकी सुरक्षा के लिए सरकार और प्रशासन पूरी तरह तत्पर है।”
कुसुम ने जोर देकर कहा कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी महिलाओं की सुरक्षा को लेकर बेहद संवेदनशील हैं और किसी भी अपराधी को बख्शा नहीं जाता। उन्होंने इस तरह की रिपोर्ट को देहरादून की छवि को धूमिल करने की कोशिश करार दिया।
राष्ट्रीय महिला आयोग ने भी किया खंडन
कुसुम कण्डवाल ने राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष विजय रहाटकर से फोन पर बात की और इस सर्वे के बारे में जानकारी ली। विजय रहाटकर ने स्पष्ट किया कि राष्ट्रीय महिला आयोग का इस सर्वे या किताब से कोई संबंध नहीं है। उन्होंने कहा कि यह निजी कंपनी का सर्वे है और आयोग ने इसका समर्थन नहीं किया है। कुसुम ने बताया कि कार्यक्रम में विजय रहाटकर मौजूद थीं, लेकिन उन्होंने इस सर्वे को मान्यता नहीं दी।
आयोग की कार्रवाई की तैयारी
इस मामले की गंभीरता को देखते हुए कुसुम कण्डवाल ने ऐलान किया कि उत्तराखंड महिला आयोग इस सर्वे की पूरी रिपोर्ट मंगवाएगा और इसकी जांच करेगा। उन्होंने कहा, “देहरादून को बदनाम करने की इस कोशिश को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
हम इस मामले में जरूरी कार्रवाई करेंगे।” आयोग का मानना है कि इस तरह के दावे बिना ठोस आधार के किए गए हैं और इनसे शहर की छवि को नुकसान पहुंच सकता है।
देहरादून में महिलाएं सुरक्षित
कुसुम कण्डवाल ने दोहराया कि उत्तराखंड में महिलाओं की सुरक्षा को लेकर कोई समझौता नहीं किया जाता। सरकार और प्रशासन की ओर से हर संभव कदम उठाए जा रहे हैं ताकि महिलाएं और बेटियां बिना डर के जी सकें। उन्होंने जनता से अपील की कि इस तरह की गलत रिपोर्ट्स पर भरोसा न करें और देहरादून की सकारात्मक छवि को बनाए रखें।