Dehradun News : सिर्फ 2 माह में दून पुलिस ने 87 लापता नाबालिगों को सकुशल लौटाया घर, 10 मामलों की जांच जारी
Dehradun News : बच्चों की सुरक्षा को लेकर दून पुलिस पूरी तरह सजग है। पिछले दो महीनों में 97 नाबालिग बच्चों के लापता होने की शिकायतें पुलिस के पास आईं। इनमें से 87 बच्चों को पुलिस ने अपनी त्वरित कार्रवाई और अथक प्रयासों से दिल्ली, मुंबई, पंजाब, हरियाणा, राजस्थान और अन्य राज्यों से सकुशल बरामद कर लिया।
बच्चों के घर से चले जाने के पीछे कई कारण सामने आए हैं, जिनमें सोशल मीडिया का प्रभाव और परिवार से नाराजगी प्रमुख हैं। आइए जानते हैं इस मामले की पूरी कहानी।
नाबालिगों के लापता होने के कारण
पुलिस की जांच में सामने आया कि 62 बच्चे अपने माता-पिता की डांट या उनकी बात न मानने के कारण नाराज होकर घर छोड़कर चले गए। वहीं, 24 मामले ऐसे थे, जिनमें बच्चे बिना बताए घूमने निकले या सोशल मीडिया के प्रभाव में आकर घर से चले गए। इसके अलावा, 11 मामलों में बच्चों को किसी अन्य व्यक्ति ने बहला-फुसलाकर अपने साथ ले जाया। इन गंभीर मामलों में पुलिस ने तुरंत सख्त कानूनी कार्रवाई की और सभी आरोपियों को जेल भेज दिया।
पुलिस की त्वरित कार्रवाई
दून पुलिस बच्चों की सुरक्षा को लेकर कोई कोताही नहीं बरत रही। जैसे ही किसी नाबालिग के लापता होने की सूचना मिलती है, पुलिस तुरंत अपहरण की धाराओं में मुकदमा दर्ज करती है और त्वरित कार्रवाई शुरू कर देती है। पिछले दो महीनों में 97 मामलों में से 87 बच्चों को पुलिस ने सकुशल बरामद किया।
बरामद बच्चों से पूछताछ में सामने आया कि कुछ बच्चे परिवार से नाराजगी के चलते, कुछ घूमने के लिए, और कुछ सोशल मीडिया के प्रभाव में घर से निकल गए थे।
काउंसलिंग के जरिए जागरूकता
पुलिस न केवल बच्चों को बरामद कर रही है, बल्कि उनके परिवारों को भी काउंसलिंग दे रही है। परिजनों को बच्चों की समस्याओं को समझने और उनके प्रति संवेदनशील रहने की सलाह दी जा रही है। पुलिस का मानना है कि परिवार में आपसी समझ और संवाद से ऐसी घटनाओं को रोका जा सकता है।
बाकी मामलों में भी सक्रियता
पुलिस अभी बाकी 10 लापता नाबालिगों की तलाश में जुटी है। कुछ मामलों में पुलिस ने सोशल मीडिया के जरिए बच्चों से संपर्क भी किया है। उदाहरण के तौर पर, पटेलनगर से लापता एक नाबालिग युवती के लुधियाना में काम करने की जानकारी मिली। पुलिस ने वीडियो कॉल के जरिए उससे संपर्क किया, जिसमें उसने अपनी मर्जी से काम के लिए जाने और जल्द देहरादून लौटने की बात कही।
वहीं, प्रेमनगर से लापता एक बच्चे ने फोन रिचार्ज न होने से नाराज होकर दोस्तों के साथ काम की तलाश में बाहर जाने की बात बताई। पुलिस इन सभी मामलों में पूरी गंभीरता से काम कर रही है और बच्चों को जल्द से जल्द बरामद करने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है।
दून पुलिस की इस सक्रियता और संवेदनशीलता की लोग खूब तारीफ कर रहे हैं। बच्चों की सुरक्षा के लिए पुलिस का यह अभियान न केवल परिवारों को राहत दे रहा है, बल्कि समाज में एक सकारात्मक संदेश भी दे रहा है।