UP Schools : उत्तर प्रदेश के सरकारी स्कूल अब पहले जैसे नहीं रहेंगे। राज्य सरकार ने प्राथमिक और उच्च प्राथमिक स्कूलों को आधुनिक बनाने के लिए बड़ा कदम उठाया है। यूपी बेसिक शिक्षा विभाग ने 2000 करोड़ रुपये के बजट के साथ आदर्श विद्यालय योजना शुरू की है।
इस योजना के तहत 650 से ज्यादा स्कूलों को चुना गया है, जहां 500 से अधिक छात्र पढ़ते हैं। इन स्कूलों में नई तकनीक और सुविधाओं के साथ पढ़ाई का माहौल बदला जाएगा, ताकि बच्चे बेहतर तरीके से सीख सकें।
इन स्कूलों को आदर्श विद्यालय बनाने के लिए कई बदलाव किए जाएंगे। स्कूलों में नए भवन बनाए जाएंगे, जिनमें स्मार्ट क्लास, कंप्यूटर लैब, आईसीटी लैब, साफ पीने का पानी, शौचालय, रैंप और मल्टीपर्पस हॉल जैसी सुविधाएं होंगी। इसके अलावा, बच्चों को ‘करके सीखने’ यानी प्रैक्टिकल तरीके से पढ़ाया जाएगा। इससे न सिर्फ पढ़ाई की गुणवत्ता बढ़ेगी, बल्कि बच्चों की रुचि और समझ भी बेहतर होगी।
बेसिक शिक्षा मंत्री संदीप सिंह ने बताया कि सरकार का लक्ष्य यूपी के स्कूलों को देश में सबसे बेहतर बनाना है। उन्होंने कहा, “हम चाहते हैं कि शिक्षा सिर्फ किताबों तक सीमित न रहे।
इसके लिए हम तकनीक और नए तरीकों का इस्तेमाल कर रहे हैं।” उनका कहना है कि इस योजना से न केवल स्कूलों की सुविधाएं बढ़ेंगी, बल्कि बच्चे और उनके माता-पिता भी सरकारी स्कूलों की ओर आकर्षित होंगे।
सरकार का यह कदम इसलिए भी खास है क्योंकि जहां छोटे स्कूलों को मिलाकर बड़ा बनाया जा रहा है, वहीं बड़े स्कूलों में सुविधाएं बढ़ाई जा रही हैं। इससे बच्चों को एक-दूसरे के साथ सीखने का मौका मिलेगा और वे पढ़ाई में ज्यादा सक्रिय रहेंगे। इस योजना से यूपी के सरकारी स्कूलों का चेहरा बदलने की उम्मीद है, और बच्चों को बेहतर भविष्य देने में मदद मिलेगी।