देहरादून में तड़के सुबह पुलिस का बड़ा एक्शन, 168 मकान मालिकों पर लगा ₹16.8 लाख का जुर्माना


Dehradun Police : देहरादून की सड़कों पर रविवार की सुबह कुछ अलग ही नजारा था। सूरज की पहली किरण के साथ ही दून पुलिस ने शहर और ग्रामीण इलाकों में एक बड़े सत्यापन अभियान की शुरुआत की। यह अभियान केवल औपचारिकता नहीं, बल्कि शहर की सुरक्षा को सुनिश्चित करने का एक ठोस कदम था।

वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक के निर्देशों के बाद पुलिस ने बाहरी व्यक्तियों और किरायेदारों की जांच के लिए कमर कस ली। इस दौरान न सिर्फ 1700 से अधिक लोगों का सत्यापन किया गया, बल्कि नियम तोड़ने वालों पर भी कड़ी कार्रवाई हुई। आइए, इस अभियान की पूरी कहानी जानते हैं।

पुलिस ने सुबह तड़के से ही देहरादून के विभिन्न इलाकों में अपनी टीमें तैनात कर दीं। शहर के व्यस्त बाजारों से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों की गलियों तक, हर कोने में किरायेदारों, घरेलू नौकरों और मजदूरों के दस्तावेजों की पड़ताल की गई। इस अभियान में कुल 1705 बाहरी व्यक्तियों का सत्यापन किया गया। यह आंकड़ा अपने आप में बताता है कि पुलिस ने कितनी मुस्तैदी से काम किया।

लेकिन यह अभियान सिर्फ कागजों की जांच तक सीमित नहीं था। पुलिस ने उन मकान मालिकों पर भी नजर रखी, जो किरायेदारों का सत्यापन कराने में लापरवाही बरत रहे थे।

अभियान के दौरान 168 मकान मालिकों को नियमों का उल्लंघन करते पाया गया। इन मकान मालिकों पर 83 पुलिस अधिनियम के तहत चालान किया गया और कुल 16 लाख 80 हजार रुपये का जुर्माना वसूला गया। यह राशि न केवल नियमों की अनदेखी की गंभीरता को दर्शाती है, बल्कि यह भी संदेश देती है कि सुरक्षा के मामलों में कोई ढील नहीं बरती जाएगी। इसके अलावा, 107 अन्य व्यक्तियों पर भी 81 पुलिस अधिनियम के तहत कार्रवाई हुई, जिनसे 26,750 रुपये का जुर्माना वसूला गया।

सबसे रोचक पहलू इस अभियान का संदिग्ध व्यक्तियों पर केंद्रित होना था। पुलिस ने 60 ऐसे लोगों को चिह्नित किया, जिनके व्यवहार या दस्तावेजों में कुछ संदेह था। इन सभी को थाने लाया गया और गहन पूछताछ के बाद उनके दस्तावेजों की जांच की गई। राहत की बात यह रही कि सभी संदिग्ध सही पाए गए और उन्हें थाने से रिहा कर दिया गया। यह दिखाता है कि पुलिस न केवल सख्ती से काम कर रही है, बल्कि निष्पक्षता को भी प्राथमिकता दे रही है।

देहरादून पुलिस का यह अभियान शहरवासियों के लिए एक सुरक्षा कवच की तरह है। आज के दौर में, जब अपराध के तरीके बदल रहे हैं, ऐसे अभियान न केवल जरूरी हैं, बल्कि लोगों का भरोसा भी बढ़ाते हैं। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने सभी थाना प्रभारियों को निर्देश दिए हैं कि इस तरह के अभियान नियमित रूप से चलाए जाएं। इसका मकसद यह सुनिश्चित करना है कि देहरादून में कोई भी अनधिकृत व्यक्ति बिना जांच के न रह सके।

यह अभियान न केवल पुलिस की सक्रियता को दर्शाता है, बल्कि मकान मालिकों और नागरिकों को भी जिम्मेदारी का अहसास कराता है। किरायेदारों का सत्यापन कराना न सिर्फ कानूनी जरूरत है, बल्कि यह समाज की सुरक्षा के लिए भी जरूरी है। देहरादून पुलिस का यह कदम निश्चित रूप से सराहनीय है और उम्मीद है कि भविष्य में भी ऐसे प्रयास जारी रहेंगे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *