Dehradun : नगर निगम रजिस्टर चोरी की साजिश का पर्दाफाश, मोटे कमीशन के लालच में की थी चोरी


Property Fraud : देहरादून के नगर निगम रिकॉर्ड कार्यालय में हुई चोरी की घटना ने पूरे शहर में हलचल मचा दी थी, लेकिन दून पुलिस की त्वरित कार्रवाई और सख्ती ने इस मामले को सुलझाने में कोई कसर नहीं छोड़ी। पुलिस ने इस चोरी के पीछे के मास्टरमाइंड को गिरफ्तार कर लिया है और चोरी किए गए महत्वपूर्ण रजिस्टर को बरामद कर लिया है।

यह घटना न केवल नगर निगम की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठाती है, बल्कि प्रॉपर्टी डीलिंग के गोरखधंधे को भी उजागर करती है। आइए, इस सनसनीखेज मामले की पूरी कहानी जानते हैं और समझते हैं कि कैसे एक लालची शख्स ने चोरी की साजिश रची।

यह मामला 4 मई 2025 को उस समय सामने आया, जब नगर निगम के रिकॉर्ड प्रभारी राकेश पाण्डेय ने कोतवाली नगर थाने में शिकायत दर्ज की कि अज्ञात व्यक्ति ने रिकॉर्ड रूम का ताला तोड़कर एक महत्वपूर्ण रजिस्टर चुरा लिया है। इस रजिस्टर में वार्ड नंबर 12 बकरालावाला की भवन और भूमि के मूल्यांकन से जुड़े दस्तावेज थे, जो 2014 से 2018 तक की अवधि को कवर करते थे।

मामले की गंभीरता को देखते हुए वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) देहरादून ने तुरंत एक विशेष पुलिस टीम गठित की। टीम ने घटनास्थल के आसपास के सीसीटीवी फुटेज खंगाले और मुखबिरों के नेटवर्क को सक्रिय किया। उनकी मेहनत रंग लाई और 11 मई 2025 को मुख्य अभियुक्त रविन्द्र राणा को गिरफ्तार कर लिया गया।

पूछताछ में रविन्द्र राणा ने चौंकाने वाला खुलासा किया। वह उत्तर प्रदेश के सहारनपुर का रहने वाला है और प्रॉपर्टी डीलिंग का काम करता है। उसने बताया कि राजपुर रोड पर एक प्लॉट की डील के लिए उसे प्रवीण रावत ने संपर्क किया था। यह प्लॉट राजकिशोर जैन के नाम पर बिकवाया जाना था, लेकिन कागजात में दाखिल-खारिज की कमी के कारण डील अटक रही थी।

राजकिशोर ने रविन्द्र को 2% कमीशन और प्रति गज 5 हजार रुपये की भारी रकम का लालच दिया, बशर्ते वह दाखिल-खारिज को अपने नाम पर करा दे। पिछले तीन महीनों से नगर निगम के चक्कर काट रहे रविन्द्र को जब कर्मचारियों ने साफ मना कर दिया, तो उसने अपने भाई योगेश और एक दोस्त के साथ मिलकर रजिस्टर चोरी करने की साजिश रची। उसका इरादा रजिस्टर में फर्जीवाड़ा कर राजकिशोर का नाम चढ़ाने का था।

पुलिस ने रविन्द्र की निशानदेही पर आशारोड़ी के जंगल से चोरी गया रजिस्टर बरामद कर लिया। यह रजिस्टर नगर निगम के लिए बेहद महत्वपूर्ण था, क्योंकि इसमें प्रॉपर्टी के मूल्यांकन और कर से जुड़े संवेदनशील दस्तावेज थे। दून पुलिस की इस कार्रवाई ने न केवल चोरी की गुत्थी सुलझाई, बल्कि प्रॉपर्टी फ्रॉड के एक बड़े खेल को भी बेनकाब किया। इस मामले में शामिल अन्य संदिग्धों की तलाश जारी है, और पुलिस का कहना है कि जल्द ही पूरी साजिश का पर्दाफाश किया जाएगा।

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