देहरादून : उत्तराखंड की सियासत में इन दिनों हलचल तेज हो गई है। क्षेत्रवाद को लेकर दिए गए बयान से शुरू हुआ विवाद इतना बढ़ गया कि प्रेमचंद अग्रवाल को धामी कैबिनेट से इस्तीफा देना पड़ा। उनके इस कदम के बाद अब कैबिनेट में बड़े बदलाव की चर्चाएं जोरों पर हैं। सूत्रों की मानें तो मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी जल्द ही केंद्रीय नेतृत्व से सलाह-मशविरा करने के लिए दिल्ली जा सकते हैं।
यह भी खबर है कि नए मंत्रियों की नियुक्ति और एक मौजूदा मंत्री की विदाई को लेकर तैयारियां चल रही हैं। धामी सरकार के तीन साल 23 मार्च को पूरे हो रहे हैं, और उससे पहले ही कैबिनेट में चार नए चेहरों को शामिल करने की संभावना जताई जा रही है।
प्रेमचंद अग्रवाल का क्षेत्रवाद पर बयान पार्टी के लिए मुश्किल का सबब बन गया था। इस विवाद को शांत करने के लिए पार्टी प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट और खुद अग्रवाल ने काफी कोशिश की, लेकिन पार्टी के अंदर से ही मिली तीखी प्रतिक्रियाओं ने मामले को और भड़का दिया।
केंद्रीय नेतृत्व ने इस पर सख्त रुख अपनाते हुए अग्रवाल को होली के बाद इस्तीफा देने का संकेत दिया था, ताकि उनकी विदाई सम्मानजनक तरीके से हो सके। इस्तीफा मिलते ही सीएम धामी ने इसे राज्यपाल को भेज दिया, जिसके बाद कैबिनेट में बदलाव की अटकलें और तेज हो गईं।
धामी कैबिनेट में अब स्थिति ऐसी है कि पांच कुर्सियां खाली हो चुकी हैं। सरकार बनने के समय से ही तीन पद खाली थे, फिर कैबिनेट मंत्री चंदन राम दास के निधन से एक और कुर्सी खाली हुई। अब अग्रवाल के इस्तीफे के बाद यह संख्या बढ़कर पांच हो गई है। इन खाली जगहों को भरने की संभावना ने विधायकों के मन में उम्मीद जगा दी है।
कई वरिष्ठ विधायक जैसे बिशन सिंह चुफाल, मदन कौशिक, बंशीधर भगत, खजानदास और अरविंद पांडेय इस दौड़ में शामिल हैं। हालांकि, इन नामों का चयन क्षेत्रीय संतुलन, जातीय समीकरण और राजनीतिक अनुभव के आधार पर होगा, जिसका फैसला केंद्रीय नेतृत्व और सीएम धामी को करना है।
कैबिनेट में बदलाव के दौरान क्षेत्रीय प्रतिनिधित्व और विभागीय कामकाज को ध्यान में रखा जाएगा। चर्चा है कि एक और मौजूदा मंत्री की छुट्टी हो सकती है। हरिद्वार से मदन कौशिक, आदेश चौहान और विनोद चमोली के नाम सुर्खियों में हैं, क्योंकि अग्रवाल के जाने से इस क्षेत्र का प्रतिनिधित्व खाली हो गया है।
टिहरी से खजानदास, मुन्ना सिंह चौहान, सहदेव पुंडीर और उमेश शर्मा काऊ में से कोई एक नाम फाइनल हो सकता है। इसके अलावा, स्पीकर ऋतु खंडूड़ी भूषण को भी मंत्रिमंडल में जगह मिलने की चर्चा है। अगर ऐसा हुआ तो गढ़वाल से एक बड़े नेता को विधानसभा अध्यक्ष बनाया जा सकता है। नैनीताल-यूएसनगर से अरविंद पांडेय और शिव अरोड़ा के नाम भी चर्चा में हैं, जबकि अल्मोड़ा-पिथौरागढ़ से बिशन सिंह चुफाल की किस्मत चमक सकती है।
इन सबके बीच सीएम धामी ने अपनी रणनीति को गोपनीय रखा है। अग्रवाल के इस्तीफे और कैबिनेट विस्तार की खबरों के बावजूद उनकी ओर से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। राजनीतिक गलियारों में यह कयास लगाया जा रहा है कि सोमवार को दिल्ली दौरे के बाद ही कोई बड़ा ऐलान हो सकता है।