हरिद्वार : पूर्व विधायक कुंवर प्रणव सिंह चैंपियन, जिन्हें विधायक उमेश कुमार के कार्यालय पर फायरिंग के मामले में गिरफ्तार किया गया था, आज जेल से रिहा हो गए हैं। बीती 27 जनवरी को हुए इस हंगामे के बाद सीजेएम कोर्ट ने उन्हें जेल भेज दिया था, लेकिन जमानत मंजूर होने के बाद उनकी रिहाई संभव हुई।
जेल से बाहर आते ही चैंपियन ने मीडिया से बातचीत की और कहा कि उन्हें न्यायपालिका पर पूरा भरोसा है और यह सच्चाई की जीत है। उनके इस बयान से साफ झलकता है कि वे अपने अनुभव और विश्वास के साथ इस मामले को देख रहे हैं।
चैंपियन की रिहाई के बाद उनके समर्थकों में खुशी की लहर दौड़ गई। अस्पताल के बाहर समर्थकों की भीड़ जमा हो गई, और उनका काफिला हूटर बजाते हुए सड़कों पर निकला। करीब पौने दो महीने तक जेल में रहने के बाद उनकी रिहाई से समर्थकों में उत्साह साफ दिखाई दिया।
दरअसल, यह पूरा विवाद खानपुर से निर्दलीय विधायक उमेश कुमार और चैंपियन के बीच सोशल मीडिया पर शुरू हुए टकराव से उपजा था। यह झगड़ा इतना बढ़ गया था कि उमेश कुमार चैंपियन के लंढौरा स्थित महल तक जा पहुंचे थे। इसके बाद 26 जनवरी को चैंपियन अपने समर्थकों के साथ रुड़की में उमेश कुमार के कैंप कार्यालय पर पहुंचे और वहां ताबड़तोड़ फायरिंग कर दी। इस दौरान समर्थकों के बीच मारपीट की घटना ने भी मामले को और गंभीर बना दिया।
पुलिस ने इस मामले में तुरंत कार्रवाई की और दोनों पक्षों के खिलाफ केस दर्ज किया। चैंपियन और उनके समर्थकों को जेल भेज दिया गया, जबकि उमेश कुमार को कोर्ट से जमानत मिल गई थी। तब से यह मामला रोशनाबाद कोर्ट में चल रहा था, और अब जमानत के बाद चैंपियन की रिहाई ने इस घटनाक्रम को नया मोड़ दे दिया है।
यह घटना न सिर्फ हरिद्वार बल्कि पूरे क्षेत्र में चर्चा का विषय बनी हुई है। विशेषज्ञों का मानना है कि इस तरह के विवाद राजनीति और समाज पर गहरा असर डालते हैं, और इसकी निष्पक्ष जांच जरूरी है।