Dehradun News : उत्तराखंड की आध्यात्मिक नगरी ऋषिकेश में जिला प्रशासन ने बच्चों को भिक्षावृत्ति और बाल मजदूरी के दलदल से निकालने के लिए एक और बड़ा कदम उठाया है। रविवार को जिला प्रशासन की रेस्क्यू टीम ने ऋषिकेश से आठ बच्चों को सुरक्षित रेस्क्यू किया।
यह अभियान पिछले साल अक्टूबर 2024 से शुरू हुआ था, जिसके तहत अब तक 12 बच्चों को बाल मजदूरी और 17 बच्चों को भिक्षावृत्ति से मुक्त कराया गया है। यह पहल न केवल बच्चों को एक नया जीवन दे रही है, बल्कि उन्हें शिक्षा और बेहतर भविष्य की राह पर भी ले जा रही है।
निरंतर निगरानी और समर्पित प्रयास
जिलाधिकारी सविन बंसल के मार्गदर्शन में जिला प्रशासन ने भिक्षावृत्ति और बाल मजदूरी उन्मूलन के लिए एक विशेष अभियान शुरू किया है। इसके तहत डेडीकेटेड वाहन दिन-रात शहर में पेट्रोलिंग करते हैं, जो सड़कों पर भिक्षा मांगते या मजदूरी करते बच्चों की पहचान कर उन्हें सुरक्षित स्थानों पर ले जाते हैं।
यह अभियान देहरादून के विभिन्न इलाकों में सक्रिय है और बच्चों को इस कुचक्र से निकालने के लिए संवेदनशीलता के साथ काम कर रहा है।
आधुनिक इन्टेंसिव केयर सेंटर
रेस्क्यू किए गए बच्चों को साधु राम इंटर कॉलेज में स्थापित आधुनिक इन्टेंसिव केयर सेंटर में लाया जाता है। यहां विशेषज्ञों की टीम बच्चों के मन को रिफॉर्म करने के लिए काम करती है। सेंटर में कम्प्यूटर, संगीत, योगा, गेम्स और प्रोजेक्टर जैसी सुविधाओं के जरिए बच्चों को शिक्षा की मुख्यधारा से जोड़ा जा रहा है।
एक्टिविटी बेस्ड लर्निंग के माध्यम से बच्चे न केवल सीख रहे हैं, बल्कि अपने भीतर छिपी प्रतिभा को भी खोज रहे हैं। अब तक 19 बच्चे स्कूलों में दाखिला लेकर शिक्षा की राह पर आगे बढ़ चुके हैं, जबकि 231 से अधिक बच्चों को भिक्षावृत्ति से मुक्त कर मुख्यधारा में शामिल किया गया है।