देहरादून : देहरादून में मंदिरों में हुई नकबजनी की सनसनीखेज वारदात को दून पुलिस ने मात्र 24 घंटे में सुलझा लिया। खुडबुडा क्षेत्र के गौरीशंकर मंदिर सहित कई धार्मिक स्थलों से चांदी का मुकुट और हार चुराने वाले शातिर चोर को पुलिस ने धर दबोचा। अभियुक्त की निशानदेही पर चोरी का सारा माल भी बरामद कर लिया गया।
यह घटना 17 मार्च 2025 को सामने आई थी, जब पीपल चौक निवासी जे.पी. गौड ने कोतवाली नगर में शिकायत दर्ज की कि अज्ञात चोर ने मंदिर का ताला तोड़कर कीमती सामान चुरा लिया। इस सूचना पर तुरंत कार्रवाई करते हुए पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया और जांच शुरू की।
शातिर चोर की चालाकी: नशा मुक्ति केंद्र में छिपने की कोशिश
पुलिस जांच में पता चला कि अभियुक्त ईश्वर सिंह उर्फ माधव बेहद चालाक और शातिर अपराधी है। चोरी के बाद वह पुलिस की नजरों से बचने के लिए बंजारावाला के एक नशा मुक्ति केंद्र में भर्ती हो गया था। लेकिन दून पुलिस की मुस्तैदी के आगे उसकी यह चाल काम न आई। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) देहरादून के निर्देश पर गठित विशेष टीम ने सीसीटीवी फुटेज की जांच की, मुखबिरों से जानकारी जुटाई और पुराने अपराधियों का सत्यापन किया। इसी दौरान पता चला कि चोर नशा मुक्ति केंद्र में छिपा है। पुलिस ने 18 मार्च 2025 को उसे वहां से गिरफ्तार कर लिया।
चोरी का माल बरामद, पुलिस की सक्रियता से जनता में भरोसा
गिरफ्तार अभियुक्त की निशानदेही पर पुलिस ने देहरादून रेलवे स्टेशन के पास झाड़ियों से चोरी का सारा सामान बरामद कर लिया। इसमें सफेद धातु का मुकुट और अन्य नकली ज्वैलरी शामिल हैं। अभियुक्त का नाम ईश्वर सिंह उर्फ माधव (28 वर्ष) है, जो खुडबुडा का रहने वाला है। इस त्वरित कार्रवाई से पुलिस ने न सिर्फ अपराधी को सलाखों के पीछे पहुंचाया, बल्कि जनता के बीच अपनी विश्वसनीयता भी साबित की। इस ऑपरेशन में चौकी प्रभारी राकेश पुंडीर के नेतृत्व में एक कुशल टीम ने अहम भूमिका निभाई।
पुलिस की मेहनत और तकनीक का कमाल
दून पुलिस ने इस मामले में तकनीक और पारंपरिक पुलिसिंग का बेहतरीन इस्तेमाल किया। घटनास्थल के आसपास के सीसीटीवी कैमरों की फुटेज से लेकर मुखबिरों के नेटवर्क तक, हर पहलू पर बारीकी से काम किया गया। यह घटना धार्मिक स्थलों की सुरक्षा को लेकर भी सवाल खड़े करती है, लेकिन पुलिस की तेजी ने लोगों का भरोसा बढ़ाया है। इस सफलता के पीछे कांस्टेबल मान सिंह, लक्ष्मण सिंह, रणदीप कुमार सिंह, प्रमोद और नीरज की मेहनत भी शामिल है।